न्यूज़ डेस्क : (GBN24)
बीजिंग: China ने अपने तीसरे विमानवाहक पोत ‘फुजियान’ का बुधवार को पहला समुद्री परीक्षण शुरू किया। ‘फुजियान’ को सबसे उन्नत घरेलू युद्धपोत बताया जा रहा है। यह China का पहला कैटोबार एयरक्राफ्ट कैरियर है जिसे पूरी तरह से चीन में ही बनाया गया है. फुजियान सुपरकैरियर टाइप-03 एयरक्राफ्ट कैरियर है. जिसका डिस्प्लेसमेंट 71,875 टन है. 316 मीटर लंबे इस युद्धपोत का बीम 249 फीट ऊंचा है. कैटोबार का मतलब है. चीन सागर और ताइवान जलडमरूमध्य में अमेरिका के साथ बढ़ते तनाव के बीच बीजिंग ने अपनी नौसैनिक शक्ति को बढ़ाते हुए इस युद्धपोत का परीक्षण शुरू किया है। इस विमानवाहक पोत से चीन की समुद्री शक्ति बढ़ेगी।
2035 तक China की क्या है योजना
युद्धपोत ने समुद्री परीक्षण के लिए जरूरी तकनीकी आवश्यकताएं भी पूरी की हैं। परीक्षण से पहले China ने यांगत्जे नदी के मुहाने के आसपास समुद्री यातायात पर नियंत्रण लगा दिया है। खबर के मुताबिक, यातायात नियंत्रण नौ मई तक रहेगा। इससे पहले मिली आधिकारिक खबरों के अनुसार, China ने विवादित दक्षिण चीन सागर और ताइवान जलडमरूमध्य में वर्ष 2035 तक पांच से छह विमान वाहक पोत तैनात करने की योजना बनाई है।
क्या है इस युद्धपोत की ताकत
इस युद्धपोत पर सेल्फ डिफेंस हथियारों के लिए HQ-10 शॉर्ट रेंज सरफेस-टू-एयर मिसाइल सिस्टम और 30 mm के H/PJ-11 ऑटोकैनन लगे होंगे. इसका राडार सिस्टम भी आयताकार है, यानी लंबी दूरी से आनी वाली मिसाइलों और फाइटर जेट्स को ट्रैक कर सकता है. साथ ही टारगेट लॉक कर सकता है.
इसके अलावा यह माना जा रहा है कि इस पर चीन अपने फाइटर जेट तैनात करेगा. फुजिया एयरक्राफ्ट कैरियर पर Z-8/18 यूटिलिटी और ASW हेलिकॉप्टर्स तैनात होंगे. साथ ही नया Z-20 मीडियम हेलिकॉप्टर भी तैनात किया जाएगा.
चीन का अन्य देशों से है विवाद
चीन, हिंद महासागर में भी अपनी शक्ति को बढ़ा रहा है। वर्तमान में दक्षिण चीन सागर में चीनी नौसेना का अमेरिका समर्थित फिलीपींस के नौसैनिक जहाजों के साथ गतिरोध जारी है। फिलीपींस, दक्षिण चीन सागर में ‘सैकंड थॉमस टापू’ पर अपना दावा जताने की कोशिश कर रहा है जबकि चीन इसका कड़ा विरोध कर रहा है। चीन, दक्षिण चीन सागर के अधिकांश हिस्से पर अपना दावा करता है। वहीं फिलीपींस, मलेशिया, ब्रुनेई और ताइवान चीन के इस दावे का सख्ती से विरोध करते हैं।