Monday, November 4, 2024

Mukhtar Ansari की मौत पर विपक्षी नेता उठा रहे हैं सवाल!

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ईशा दुबे

न्यूज़ डेस्क : (GBN24)

उत्तर प्रदेश की बांदा जेल में बंद बाहुबली Mukhtar Ansari की हार्ट अटैक से मौत हो गई है। मेडिकल कॉलेज बांदा ने उसकी मौत की पुष्टि की है। पूरे यूपी में पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था सख्त कर दी है..मऊ, गाजीपुर और बांदा जिले में धारा 144 लागू कर दी गई है। गैंगस्टर से नेता बने मुख्तार अंसारी की मृत्यु के बाद फ़िरोज़ाबाद में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। पुलिस ने इलाके में फ्लैग मार्च भी निकाला। Mukhtar Ansari पहली बार मऊ सदर विधानसभा से 1996 में बसपा के टिकट पर जीतकर विधानसभा पहुंचा था। इसके बाद 2002 और 2007 में निर्दल विधायक बना। फिर, कौमी एकता दल के नाम से अपनी नई पार्टी बनाया और 2012 का विधानसभा चुनाव जीता। साल 2017 में मुख्तार अंसारी बसपा से चुनाव जीता और विधानसभा के आखिरी तीन चुनाव उसने जेल में रहते हुए जीते

गांव में होगा अंतिम संस्कार

मुख्तार की मौत के दो घंटे बाद यानि रात साढ़े बारह बजे के आसपास उसके शव को मेडिकल कॉलेज से पोस्टमार्टम हाउस पहुंचाया गया। शव के पोस्टमार्टम हाउस पहुंचते ही पुलिस फोर्स भी वहीं तैनात हो गई. परिजनों के मुताबिक उनके शव को गाजीपुर के पैतृक कब्रिस्तान में दफनाया जाएगा। यह कब्रिस्तान उनके घर से करीब चार सौ मीटर दूर है। इसी कब्रिस्तान में उनके पार्थिव शव को सुपुर्द-ए-खाक किया जाएगा.

मौत पर सवाल

Mukhtar Ansari की मौत को लेकर कई सवाल और आशंकाएं तैर रही हैं। दो दिन पहले जब Mukhtar Ansari की हालत बिगड़ने पर उसे जेल से मेडिकल कॉलेज लाया गया था, तभी उसके भाई अफजाल और बेटे उमर अब्बास ने पिता की मौत की आशंका जताई थी। खुद मुख्तार ने भी खाने में जहर की आशंका को जेल प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए थे। Mukhtar Ansari के भाई अफजाल ने तो यह तक कहा था कि उसके भाई की हत्या का सातवीं बार प्रयास किया गया है। इस बार भी 19 मार्च को उन्हें खाने में जहर दिया गया था.

पिता की मौत से नाराज़ उमर

Mukhtar Ansari का एक बेटा अब्बास इस वक्त कासगंज जेल में सजा काट रहा है तो दूसरा और छोटा बेटा उमर अब्बास दो दिन पहले ही मेडिकल कॉलेज पिता को देखने आया था। अपने पिता की मौत की खबर सुनने के बाद उमर ने भरे गले से कहा कि दो दिन पहले इन पुलिस वालों ने अस्पताल में भर्ती पिता को शीशे से भी देखने नहीं दिया और आज जब वह इस दुनिया में नहीं है तो वही पुलिस प्रशासन उनके जनाजे को कंधा देने के लिए बुलावा भेज रहा है। ऐसे में एक बेटे के दिल पर क्या गुजर रही होगी, इन अधिकारियों को क्या मालूम.

आनंद राय का बयान

Mukhtar Ansari के बड़े भाई अफजाल अंसारी ने गाजीपुर की मोहम्मदाबाद विधानसभा सीट से 1985 से 1996 तक पांच बार चुनाव जीता था। 2002 के चुनाव में अफजाल बीजेपी के कृष्णानंद राय से चुनाव हार गए। 29 नवंबर 2005 को कृष्णानंद की हत्या कर दी गई। Mukhtar Ansari की मौत पर कृष्णानंद राय के भतीजे आनंद राय का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि Mukhtar Ansari कोई संत नहीं था, उस पर हत्या और अपहरण के कई मुकदमे थे, Mukhtar Ansari जेल में तानाशाह की तरह रह रहा था, अपराधी की मृत्यु हुई है लिहाजा हाय-तौबा मचाने की जरूरत नहीं है।

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