न्यूज़ डेस्क : (GBN24)
आतिफा शेख
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरिवाल (Arvind Kejriwal) की अचानक गिरफ़्तारी होती है और चारो तरफ सनसनी सी मच जाती है लोगों के मन में कई तरह के सवाल उभर के आते है कोई कहता है सीएम है जल्द छूट जाएगा तो कोई कहता है की विपक्ष का हाथ है जेल से निकल नहीं पायेगा। लोग कई तरह की अटकले लगा रहे थे और इसी बिच उनके इस्तीफा देने की भी खबर ने जोड़ पकड़ा लेकिन इन साड़ी अटकलों को पछाड़ते हुए।
10 मई को अरविन्द केजरीवाल को कोर्ट ने राहत प्रदान की है। भले ही कुछ दिन के लिए ही सही पर केजरीवाल जेल से रिहा हो गए है और सबसे अच्छी बात यहाँ पर ये है की उन्हें लोकसभा चुनाव में प्रचार प्रसार के लिए कोई रोक टोक नहीं है।
अरविंद केजरीवाल को 10 मई को सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत मिल गई है। दिल्ली के तिहाड़ जेल में बंद अरविंद केजरीवाल की जमानत याचिका पर सुनवाई करते समय सुप्रीम कोर्ट ने जो संकेत दिये थे, उससे आम आदमी पार्टी की उम्मीदें जगी हैं। ऐसा माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव से पहले अरविंद केजरीवाल के बाहर आने से AAP के चुनाव प्रचार को साथ मिलेगी।
बता दें, दिल्ली में आप और कांग्रेस मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं, तो कांग्रेस को कुछ लाभ हो सकता है। हालांकि, ED ने केजरीवाल की जमानत का विरोध किया है और इसे लेकर एक हलफनामा भी दायर किया है। अरविंद केजरीवाल को बड़ी राहत मिली है।
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को केजरीवाल को अंतरिम जमानत दे दी है। पिछली सुनवाई में ही शीर्ष अदालत ने इस बात के संकेत दे दिए थे। सुप्रीम कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को 1 जून तक अंतरिम जमानत दी है। कोर्ट ने केजरीवाल को 2 जून को सरेंडर करने को कहा है।
दिल्ली की शराब नीति घोटाला केजरीवाल सरकार के गले की फांसी बनी हुई है। हालांकि, दिल्ली सरकार ने इसे वापस ले लिया है। 17 नवंबर 2021 को दिल्ली सरकार ने राज्य में नई शराब नीति लागू की, इसके तहत राजधानी में 32 जोन बनाए गए। हर जोन में ज्यादा से ज्यादा 27 दुकानें खुलनी थीं। इस तरह से कुल मिलाकर 849 दुकानें खुलनी थीं। नई शराब नीति में दिल्ली की सभी शराब की दुकानों को प्राइवेट कर दिया गया।
इसके पहले दिल्ली में शराब की 60 प्रतिशत दुकानें सरकारी और 40 प्रतिशत प्राइवेट थीं। नई नीति लागू होने के बाद 100 प्रतिशत प्राइवेट हो गईं। सरकार ने तर्क दिया था कि इससे 3,500 करोड़ रुपये का फायदा होगा।
पूरा मामला विस्तार से….
10 मई 2024: सुप्रीम कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को 1 जून तक अंतरिम जमानत दी।
9 मई 2024: ED ने केजरीवाल की जमानत का विरोध करते हुए सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया।
8 मई 2024: बेंच की अगुवाई कर रहे जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा कि हम शुक्रवार को जमानत पर फैसला सुनाएंगे।
7 मई 2024: सुप्रीम कोर्ट की बेंच बिना फैसला सुनाए उठ गई थी।
केजरीवाल मामले में 15 अप्रैल, 29 अप्रैल, 30 अप्रैल और 3 मई को सुनवाई हुई, जिसमें लंबी-लंबी दलीलें दी गईं।
1 अप्रैल 2024: अरविंद केजरीवाल को न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल भेज दिया था,
16 मार्च 2024: भारत राष्ट्र समिति की नेता के कविता को ED ने हिरासत में लिया।
21 मार्च 2024: लंबी पूछताछ के बाद ईडी ने केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया.
17 मार्च 2024: अरविंद केजरीवाल को नौवां समन भेजा गया था.
22 फरवरी 2024: ईडी ने केजरीवाल को छठा समन भेजा.
26 फरवरी 2024: अरविंद केजरीवाल को सातवां समन मिला.
27 फरवरी 2024: केजरीवाल को आठवीं बार समन भेजा गया.
17 जनवरी 2024: शराब नीति केस में ईडी ने अरविंद केजरीवाल को चौथा समन जारी किया.
3 जनवरी 2024: ईडी ने अरविंद केजरीवाल को तीसरा समन जारी किया गया था.
21 दिसंबर 2023: केजरीवाल को दूसरा समन जारी हुआ. केजरीवाल पेश नहीं हुए.
2 नवंबर 2023: शराब नीति केस में ईडी ने अरविंद केजरीवाल को को पहला समन जारी हुआ.
4 अक्टूबर 2023: आप नेता संजय सिंह को ed ने गिरफ्तार कर लिया.
26 फरवरी 2023: इस केस में पहली बड़ी गिरफ्तारी मनीष सिसोदिया के रूप में हुई. मनीष सिसोदिया को लंबी पूछताछ के बाद सीबीआई ने अरेस्ट. बाद में ईडी ने भी सिसोदिया को अरेस्ट किया.
12 सितंबर, 2022: आम आदमी पार्टी के संचार प्रमुख विजय नायर को सीबीआई ने गिरफ्तार किया.
22 अगस्त 2022: इस मामले में ED ने भी सीबीआई से मामले की जानकारी लेकर मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत केस दर्ज कर लिया.
17 अगस्त 2022: सीबीआई ने केस दर्ज किया और जांच शुरू की. इसमें मनीष सिसोदिया, तीन रिटायर्ड सरकारी अधिकारी. 9 बिजनेसमैन और 2 कंपनियों को आरोपी बनाया गया. सभी पर भ्रस्टाचार से जुड़ी धाराओं के तहत केस दर्ज किया.
28 जुलाई 2022: विवाद बढ़ता देख दिल्ली सरकार ने नई शराब पॉलिसी रद्द कर दी और पुरानी पॉलिसी फिर से लागू कर दी.
8 जुलाई 2022: दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार ने नई शराब नीति में गड़बड़ी का अंदेशा जताया. उन्होंने इससे जुड़ी एक रिपोर्ट एलजी वीके सक्सेना को भेजी, इसमें डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया पर शराब कारोबारियों को अनुचित लाभ पहुंचाने का आरोप था. एलजी ने मुख्य सचिव की रिपोर्ट के आधार पर इस मामले की सीबीआई जांच की मांग कर दी।
17 नवंबर 2021: दिल्ली सरकार ने नई शराब नीति 2021-22 लागू कर दी. इससे शराब कारोबार से सरकार बाहर हो गई और शराब की सारी दुकानें 100 फीसदी प्राइवेट हो गईं. दिल्ली को 32 जोन में बांटा गया. हर जोन में शराब की 27 दुकानें थीं.
22 मार्च 2021: दिल्ली के तत्कालीन डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने नई शराब नीति का ऐलान किया. उन्होंने कहा कि इससे माफिया राज खत्म होगा और सरकारी खजाना बढ़ेगा. तब तक दिल्ली में शराब की 60 फीसदी दुकानें सरकारी और 40 फीसदी दुकानें प्राइवेट थीं.
फिलहाल के लिए केजरीवाल को राहत मिल चुकी है और उनके चाहने वालो में खुशी की लहर दौड़ पड़ी है आपको बता दे की ये जमानत कुछ दिन का है और 2 जून को उन्हें फिर से खुद को सरेंडर करना पड़ेगा और ये तो आने वाला वक़्त ही बताएगा की ये खुशी कब तक बनी रहेगी।