न्यूज़ डेस्क : (GBN24)
स्नेहा श्रीवास्तव
Digital Attendance को लेकर यूपी के प्राइमरी शिक्षक और बेसिक शिक्षा विभाग आमने-सामने दिखाई दे रहे हैं. कई जिलों में तो में शिक्षक संकुल ने इस काम से सामूहिक त्यागपत्र भी दे दिया है.
उत्तर प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में Digital Attendance को लेकर लगातार शिक्षकों का विरोध जारी है. Digital Attendance पर सख्ती किए जाने और शिक्षकों से इसे लगवाने के विभागीय दबाव के बाद कई जिलों में शिक्षक संकुल ने इस काम से सामूहिक त्यागपत्र दे दिया. साथ ही शिक्षकों ने अपने व्यक्तिगत मोबाइल नंबर का सरकारी काम में प्रयोग न करने की भी बात कही है. कई जिलों में विद्यालय जा रहे शिक्षा अधिकारी शिक्षक संकुलों पर भी इस बात का दबाव बना रहे हैं कि वह शिक्षकों की Digital Attendance लगवाएं.
इसके खिलाफ में अमेठी, बरेली, आगरा, अलीगढ़, मैनपुरी जैसे कई और जिलों के शिक्षक संकुल ने त्यागपत्र दे दिया है. उन्होंने संकुल कार्य में रुचि न होने का कारण बताया है.शिक्षक नेताओं के अनुसार कई जगह पर खंड शिक्षा अधिकारी आदि स्कूलों में जाकर डिजिटल उपस्थिति के लिए शिक्षकों को डरा-धमका रहे हैं तो कहीं वेतन रोकने की धमकी भी दे रहे हैं. अधिकारी शिक्षकों से कह रहे हैं कि आप यदि अपनी उपस्थिति नहीं देना चाहते हैं तो बच्चों की डिजिटल उपस्थिति दें. हालांकि अधिकांश शिक्षकों ने इसका विरोध किया.
यूनाइटेड टीचर्स एसोसिएशन (यूटा) के प्रदेश अध्यक्ष राजेन्द्र सिंह राठौर ने बताया कि शिक्षाधिकारी शिक्षकों पर Digital Attendance देने का दबाव बना रहे हैं जो अनुचित है. विभाग शिक्षकों की व्यवहारिक समस्याओं का समाधान खोजे, उनकी मांगे माने जाने से पहले Digital Attendance नहीं दर्ज कराई जाएगी. वहीं उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. दिनेश सिंह शर्मा ने सभी शिक्षकों से निवेदन किया कि वह विभाग के सभी ग्रुप छोड़ दें.
सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर डॉ. शर्मा ने लिखा कि टैबलेट लॉगिन के लिए ओटीपी शिक्षक के पर्सनल नंबर पर आ रही है. दूसरी तरफ विद्यालय में फोन प्रयोग करने पर शिक्षक को निलंबित किया जा रहा है. इसलिए आप केवल शिक्ष्ज्ञण करें, मांगे माने जाने तक अपने व्यक्तिगत नंबर से कोई विभागीय सूचना दें, सभी विभागीय ग्रुप से लेफ्ट कर जाएं. इसके बाद काफी शिक्षकों ने सरकारी ग्रुप से व्यक्तिगत मोबाइल नंबर से लेफ्ट भी किया है.
क्या होते हैं शिक्षक संकुल
न्याय पंचायत स्तर पर पांच-छह शिक्षकों को शिक्षक संकुल के रूप में तैनात किया जाता है. विद्यालय अवधि के पश्चात विद्यालयों को निपुण बनाने के लिए यह काम करते हैं. ब्लॉक संसाधन केंद्र और शिक्षकों के मध्य एक सेतु का काम करते हैं. शिक्षक विभागीय योजनाएं को पहुंचाने का काम करते हैं. Digital Attendance लगवाने की भी जिम्मेदारी उनकी होती है.
23 को जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन
Digital Attendance के विरोध में उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ की ओर से हर ब्लॉक में शिक्षकों के बीच दो दिन सर्वे कराया गया था. इसमें अधिकतर शिक्षकों ने इस नई चलाई गई व्यवस्था का कडा विरोध किया. संघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. दिनेश चंद्र शर्मा ने कहा कि इस क्रम में अब 15 जुलाई को हर जिले में शिक्षक BASA को ज्ञापन देंगे. वहीं 23 अक्तूबर को जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन कर सीएम को संबोधित ज्ञापन भेजा जाएगा.
माध्यमिक शिक्षक संघों ने भी जम कर इस विरोध का समर्थन
बेसिक शिक्षकों के समर्थन में शनिवार को माध्यमिक शिक्षक संघ भी उतरा. उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ (चंदेल गुट) ने प्रदेश अध्यक्ष चेत नारायण सिंह ने इसका समर्थन किया है.उन्होंने कहा कि सभी प्रांतीय, मंडल व जिला पदाधिकारी अपनी टीम के साथ आंदोलनरत परिषदीय शिक्षकों के संघर्ष में शामिल होकर आंदोलन को सफल बनाएं. वहीं उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ (शर्मा गुट) के प्रदेश अध्यक्ष सुरेश कुमार त्रिपाठी ने भी बेसिक शिक्षकों के आंदोलन का समर्थन किया. उन्होंने कहा कि वह इस मनमाने आदेश के खिलाफ हर कदम में बेसिक शिक्षकों के साथ हैं.
शनिवार को मात्र 0.39 फीसदी रही उपस्थिति
बेसिक शिक्षा विभाग की तमाम सख्ती और कोशिशों के बाद भी शिक्षक-कर्मचारी Digital Attendance लगाने को तैयार नही हो रहे हैं. वह इसका खुलकर और कडा विरोध कर रहे हैं. शनिवार कि सुबह शिक्षा विभाग के अधिकारी विद्यालयों में पहुंचे और शिक्षकों-कर्मचारियों से बात – चित कर उनसे Digital Attendance लगाने को कहा लेकिन वह नहीं माने. शिक्षक संगठनों के अनुसार शनिवार को भी पूरे प्रदेश में मात्र 0.39 फीसदी शिक्षकों ने उपस्थिति दर्ज कराई है.