न्यूज़ डेस्क : (GBN24)
स्नेहा श्रीवास्तव
भारत में मौजूद अमेरिका के राजदूत एरिक गार्सेटी(Eric Garcetti) ने दिया तीखा बयान जिसको लेकर छिड़ी महाभारत. एरिक गार्सेटी ने पिछले हफ़्ते गुरुवार को नई दिल्ली में यूएस-इंडिया डिफेंस न्यूज़ कॉन्क्लेव में बोलते हुए पीएम मोदी (PM Modi) के रूस दौरे को लेकर भारत को आगाह करते हुए तीखी टिप्पणी की थी. गार्सेटी ने कहा था कि ”कोई भी जंग अब दूर की नहीं होती है.”उन्होंने भारत से यह भी कहा कि वह अमेरिका के साथ संबंधों को इस रूप में ना ले कि किसी भी सूरत में अडिग ही रहेगा.
PM Modi के रूस दौरे को लेकर गार्सेटी की जिस टिप्पणी पर सबसे ज़्यादा जंग छिड़ी हुई है , वह थी की – “भारत रणनीतिक स्वायतत्ता पसंद करता है, मैं इसका तहे दिल से सम्मान करता हूँ परन्तु युद्ध के समय रणनीतिक स्वायतत्ता की दूर – दूर तक कोई जगह नहीं होती है.हमे एक दूसरे की ज़रूरत की घड़ी में एक भरोसेमंद साझेदार की तरह साथ मिलकर रहना चाहिए.
गार्सेटी के बयान से साफ़ है कि पीएम मोदी के रूस दौरे को लेकर अमेरिका और भारत के रिश्तों में तनाव है.पीएम मोदी रूस उस वक़्त पहुँचे थे, जब पश्चिमी देशों के नेता नॉर्थ अटलांटिक ट्रीटी ऑर्गेनाइज़ेशन यानी नेटो के समिट में शामिल होने वॉशिंगटन में जुटे थे और रूसी मिसाइलों से यूक्रेन में दर्जनों लोग मारे गए थे.
गार्सेटी ने कहा था, ”कोई भी युद्ध अब दूर का नहीं है और हमें न केवल शांति के लिए प्रतिबद्ध रहने की ज़रूरत है बल्कि यह सुनिश्चित करने की ज़रूरत है कि जो शांति को भंग करने की कोशिश कर रहे है ,उनके ख़िलाफ़ ठोस कदम उठाये जाये . शांति भंग करने वालों की युद्ध मशीनरी यूं ही थोड़ी चलती रह सकती है.”
गार्सेटी ने न तो रूस का नाम लिया, जिसने यूक्रेन पर फ़रवरी 2022 में हमला किया था और अब भी जंग जारी है और न ही चीन का नाम लिया, जिसने 2020 में भारत से लगी सीमा यानी लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल की यथास्थिति तोड़ी थी.लेकिन उन्होंने ये ज़रूर कहा कि पिछले कुछ सालों से कई देश संप्रभुता का उल्लंघन कर रहे हैं.
इससे पहले अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मैथ्यु मिलर ने भी पीएम मोदी के रूस दौरे को लेकर बयान दिया था.मिलर ने पिछले हफ़्ते बुधवार को कहा था, “रूस के साथ भारत के संबंधों को लेकर हमारी चिंता बिल्कुल स्पष्ट है. हमने अपनी चिंता भारत सरकार के समक्ष रखी दी है और इसमें किसी भी तरह का कोई भी बदलाव नहीं किया जायेगा .