न्यूज़ डेस्क : (GBN24)
Neet Controversy: देश भर में Neet पेपर लीक को लेकर मचे घमासान के बीच शिक्षा मंत्रालय ने बड़ा फैसला लिया है। शिक्षा मंत्रालय ने परीक्षाओं का पारदर्शी, सुचारू और निष्पक्ष संचालन सुनिश्चित करने के लिए Experts की एक High Level Committee का गठन किया है। समिति 2 महीने के भीतर मंत्रालय को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। उच्च-स्तरीय समिति के अध्यक्ष डॉ. के. राधाकृष्णन होंगे, जो इसरो के पूर्व अध्यक्ष हैं। समिति परीक्षा प्रक्रिया के तंत्र में सुधार, डेटा सुरक्षा प्रोटोकॉल में सुधार और एनटीए की संरचना और कार्यप्रणाली पर सिफारिशें करेगी।
हाई लेवल कमिटी में छह सदस्य भी शामिल
1. डॉ. रणदीप गुलेरिया, पूर्व निदेशक, एम्स दिल्ली
2. प्रो. बी. जे. राव, कुलपति, केन्द्रीय विश्वविद्यालय हैदराबाद
3. प्रो. राममूर्ति के प्रोफेसर एमेरिटस, सिविल इंजीनियरिंग विभाग, आईआईटी मद्रास
4. पंकज बंसल, सह-संस्थापक, पीपल स्ट्रॉन्ग और बोर्ड सदस्य- कर्मयोगी भारत
5. प्रो. आदित्य मित्तल, डीन स्टूडेंट अफेयर्स, आईआईटी दिल्ली
6. गोविंद जायसवाल, संयुक्त सचिव, शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार
कमिटी इन मुद्दों पर देगी सिफारिश
NTA की मौजूदा शिकायत निवारण तंत्र का आकलन करना, सुधार के क्षेत्रों की पहचान करना तथा इसकी दक्षता बढ़ाने के लिए सिफारिशें करना। शिक्षा मंत्रालय की ये कमिटी दो महीने के भीतर मंत्रालय को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। NEET एग्जाम विवाद पर शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने 20 जून को प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसकी घोषणा की थी। शिक्षा मंत्री ने कहा था कि ये कमेटी NTA के स्ट्रक्चर, फंक्शनिंग, एग्जाम प्रोसेस, ट्रांसपेरेंसी, ट्रांसफर और डेटा, सिक्योरिटी प्रोटोकॉल को और इम्प्रूव करने के लिए शिक्षा मंत्रालय को सुझाव देगी।