Gyanvapi Mamla: Gyanvapi Mamley की अगली सुनवाई मंगलवार को होगी और इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने व्यास जी के तहखाने में पूजा के खिलाफ मस्जिद पक्ष की याचिका पर ट्रायल कोर्ट के याचिकाकर्ता शैलेंद्र व्यास को नोटिस की.
सुप्रीम कोर्ट(Supreme Court) मंगलवार को वाराणसी के Gyanvapi Mamley की अगली सुनवाई करेगी और आपको बता दें की मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डीवाई.चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ करने वाली है. जिसमें दो अन्य पदेन न्यायाधीश जस्टिस जेबी. पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्र भी मौजूद होंगे। इससे पहले Supreme Court व्यास जी के तहखाने में पूजा के खिलाफ मस्जिद पक्ष की याचिका पर ट्रायल कोर्ट के याचिकाकर्ता शैलेंद्र व्यास को नोटिस जारी की.
यह सुनवाई वाराणसी की जिला अदालत की ओर से व्यास जी के तहखाने में पूजा-अर्चना करने की अनुमति दिए जाने के खिलाफ दायर अंजुमन इंतजामिया कमेटी की याचिका पर होगी.वाराणसी की जिला अदालत ने शैलेंद्र व्यास की याचिका पर सुनवाई करते हुए व्यास जी को तहखाने में पूजा-अर्चना करने की अनुमति मिल गयी थी. अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी के ऐतराज के बावजूद इलाहाबाद हाई कोर्ट ने बरकरार रखा था.
वाराणसी काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर स्थित ज्ञानवापी परिसर के व्यास जी के तहखाने में देवी-देवताओं की सेवा और पूजा-अर्चना की मांग को लेकर शैलेंद्र व्यास ने जिला अदालत वाराणसी में याचिका(Gyanvapi Mamla) दायर की थी, जिसके बाद शैलेंद्र व्यास की याचिका पर वाराणसी जिला एवं सत्र न्यायालय ने व्यास जी के तहखाने में पूजा करने की अनुमति दी थी.
मस्जिद का कई हिस्सा खोते जा रहे हैं.
सत्र न्यायालय के इस फैसले के खिलाफ अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी ने इलाहाबाद हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की, जिसमें जिला अदालत के फैसले पर रोक लगाने की मांग की गई थी. हालांकि, हाई कोर्ट ने जिला अदालत के फैसले पर रोक से इनकार कर दिया, जिसके बाद अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया. सुप्रीम कोर्ट कई अलग – अलग तारीखों पर इस मामले (Gyanvapi Mamla) की सुनवाई कर चुका है. इससे पहले मामले (Gyanvapi Mamla) की पिछली सुनवाई में मस्जिद पक्ष के वकील हुजैफा अहमदी ने उच्चतम न्यायालय को मस्जिद में जाने के रास्ते के बारे में बताया था.
हुजैफा अहमदी ने कोर्ट में बताया कि हमलोग दिन पर दिन मस्जिद का हिस्सा खोते चले जा रहे हैं, सुप्रीम कोर्ट के द्वारा वजूखाना क्षेत्र को सुरक्षित किया गया है.मस्जिद की जगह पर लगातार आक्रमण किया जा रहा है. जैसे सुप्रीम कोर्ट में CJI कोर्ट के आगे जाकर नीचे की ओर कई कैंटीन मौजूद हैं, इस पर यह कहा जाए कि वह कैंटीन सुप्रीम कोर्ट का हिस्सा नहीं है, वैसा ही बिलकुल इस मामले में (Gyanvapi Mamla) भी हुआ है.