न्यूज़ डेस्क : (GBN24)
Hidayatullah Khan Death: पाकिस्तान के उत्तर पश्चिमी इलाके में एक कार में रिमोट-कंट्रोल के द्वारा ब्लास्ट किया गया, जिसमे पूर्व सांसद Hidayatullah Khan समेत 3 अन्य लोगों की मौत हो गई. इस बारे में पुलिस ने जानकारी देते हुए कहा कि अफगानिस्तान के बॉर्डर से सटे आदिवासी बहुल जिले मामोंड बाजौर के दामादोला इलाके में ये विस्फोट हुआ है. वहीं पुलिस के अनुसार, उपचुनाव में अपने भतीजे नजीबुल्ला खान के प्रचार-प्रसार अभियान के सिलसिले में पाकिस्तानी संसद के उच्च सदन सीनेट के पूर्व सदस्य Hidayatullah Khan विस्फोट के वक्त उस घटनास्थल पर मौजूद थे. दरअसल 12 जुलाई को, पीके 22 प्रांतीय विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव होने हैं.
Hidayatullah Khan का बड़े सियासी परिवार से ताल्लुक
आपको बतादें कि, इस विस्फोट की राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी और खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के CM अली अमीन गंडापुर ने निंदा की है. साथ ही, इस हमले में जान गवाने वाले लोगों के लिए मुख्य सचिव नदीम असलम चौधरी और अन्य लोगों ने भी शोक व्यक्त किया है. जानकारी के लिए आपको बतादें कि, 2012 से 2018 और 2018 से 2024 तक Hidayatullah Khan सीनेट के निर्दलीय सदस्य रहे थे. साथ ही हिदायतुल्ला राष्ट्रीय आतंकवाद रोधी प्राधिकरण के सदस्य व उच्च सदन की विमान स्थायी समिति के अध्यक्ष रहे थे. इसके अलावा उनके पिता यानी हाजी बिस्मिल्लाह खान MNA रह चुके थे व Hidayatullah Khan के बड़े भाई यानी शौकतुल्लाह खान खैबर पख्तूनख्वा के पूर्व गवर्नर रह चुके थे.
An IED blast targeted vehicle of former Senator Hidayatullah Khan in Dama Dola, Bajaur, resulting in his martyrdom & 3 of his body guards. He had received threats from TTP
This is why operation Azm-e-Istehkam is necessary cause TTP is bleeding people of KPK & has to be dealt with pic.twitter.com/AM5nnAsoMr— Pakistan First (@Pak1stTeam) July 3, 2024
किसी भी संगठन ने इस हमले की नहीं ली जिम्मेदारी
आपको बतादें कि, Hidayatullah Khan ने इसी वर्ष एक प्रस्ताव सीनेट सचिवालय में पेश किया था और उस प्रस्ताव में ये कहा गया था कि, उम्मीदवारों को संसद के ऊपरी सदन ने निशाना बनाकर हो रहे हमलों में वृद्धि पर और ध्यान व्यक्त किया है. इसी के साथ पाकिस्तान के चुनाव आयोग व सुप्रीम कोर्ट से सुरक्षा चुनौतियों की वजह से आम चुनावों को 3 महीने के लिए टालने का आग्रह इस प्रस्ताव में किया गया था. लेकिन अगले ही महीने पाकिस्तान में 8 फरवरी को चुनाव खत्म हो गए थे. फिलहाल किसी भी संगठन ने इस विस्फोट की जिम्मेदारी अबतक नहीं ली है.