Monkeypox Virus के ट्रीटमेंट से संबंधित किसी भी तरह की कोई भी जानकारी अभी तक सामने नहीं आई है. परन्तु कुछ ऐसी दवाइयां हैं. जो Monkeypox Virus के मरीजों को भी दी जा रही हैं. इन दवाइयों का इस्तेमाल स्मॉल पॉक्स पर किया जाता है. आइए जानते हैं जानिए विस्तार से
Monkeypox Virus को वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन ने पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी घोषित कर दिया है. दुनियाभर के अधिकतर देशों में Monkeypox Virus के मामले देखने को मिल रहे हैं. भारत में भी इस वायरस को लेकर अलर्ट जारी कर दिया गया है.
कैसे फैलता है Monkeypox Virus
Monkeypox Virus हवा से फैलने वाली बीमारी नहीं है. यह बीमारी किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से,जैसे स्किन टू स्किन टच संक्रमित व्यक्ति से यौन संबंध या उसके कपड़ों को छूना या उसके बिस्तर इस्तेमाल करने से फैलती है.
क्या ट्रीटमेंट है Monkeypox Virus
Monkeypox Virus का कोई भी ट्रीटमेंट अभी तक सामने नहीं आया है. हालांकि, कई ऐसी एंटीवायरल दवाइयां का इस्तेमाल स्मॉल पॉक्स जैसी बीमारियों से बचाव के लिए किया जा रहा है और यही दवाइयां Monkeypox Virus के मरीजों को भी दी जा रही हैं. इन एंटीवायरल दवाओं के नाम हैं- टेकोविरीमैट या ST-246, ब्रिन्सिडोफोविर और सिडोफोविर है. इसके अलावा, इंट्रावेनस वैक्सीनिया इम्यून ग्लोब्युलिन (VIGIV), जिसे स्मॉल पॉक्स का ट्रीटमेंट करने के लिए लाइसेंस दिया गया है,जिसे Monkeypox Virus और अन्य पॉक्स वायरस के इलाज के लिए उपयोग किया जा सकता है.
Monkeypox Virus के इलाज के लिए NIAID ने टेकोविरीमैट दवा के 2 क्लिनिकल ट्रायल किए गए है. सितंबर 2022 में, NIAID ने ACTG (Advancing Clinical Therapeutics Globally for HIV/AIDS and Other Infections ) के साथ मिलकर अमेरिका में टेकोविरीमैट वैक्सीन का क्लिनिकल ट्रायल भी किया गया है. इस ट्रायल में Monkeypox Virus से संक्रमित 500 से ज्यादा वयस्कों और बच्चों को शामिल किया गया है.
इस ट्रायल में शामिल सभी संक्रमित लोगों को टेकोविरीमैट दी गई. वहीं दूसरे प्रतिभागियों को प्लेसिबो पिल्स दी गई है. अब रिसर्चर्स डाटा इकट्ठा कर रहे हैं कि क्या टेकोविरिमेट खाने वाले प्रतिभागी प्लेसबो लेने वाले प्रतिभागियों की तुलना में ज्यादा तेजी से ठीक हो जाते हैं या नहीं.टेकोविरीमैट- साल 2018 में फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने स्मॉल पॉक्स(छोटी चेचक) के ट्रीटमेंट के लिए टेकोविरीमैट को मंजूरी दी गयी थी. इस दवा को ओरली और इंजेक्शन दोनों ही तरीकों से दे सकता है.
ब्रिन्सिडोफोविर- NIAID ने चेचक के ट्रीटमेंट के लिए ब्रिन्सिडोफोविर को भी इसी के साथ सपोर्ट किया था. वयस्कों और बच्चों में चेचक के इलाज के लिए इस दवा को भी अप्रूवल दिया था.
क्या हैं Monkeypox Virus के लक्षण
Monkeypox Virus के शुरुआती लक्षणों में बुखार, तेज सिरदर्द, साइनस की सूजन, पीठ दर्द, मांसपेशियों में दर्द और ताकत की कमी का महसूस होगा. और बुखार आने के एक हफ्ते के अंदर शरीर पर छाले और लाल धब्बे दिखाने लगते हैं. ज्यादातर छाले चेहरे और हाथों पर होते हैं. इसके अलावा ये हथेलियों, जननांगों और आंखों पर भी होते हैं.
कैसे बचे इस वायरस से
Monkeypox Virus से बचने के लिए जरूरी है कि आप एन95 मास्क पहनें रखे, ज्यादा भीड़भाड़ वाले इलाकों में जाने से बचें. और किसी भी चीज को छूने के बाद अपने हाथों को अच्छी तरह से सैनिटाइजर जरूर करें.