Sunday, January 19, 2025

UN की बैठक में शामिल हुआ भारत, पहली बार बैठक में नज़र आये तालिबान के नेता

- Advertisement -
- Advertisement -
- Advertisement -

न्यूज़ डेस्क : (GBN24)

United Nations (UN) रविवार को कतर की राजधानी दोहा में अफगानिस्तान (Afghanistan) को लेकर एक एहम बैठक हुई जिसमे भारत(India) ने भी अपनी भागीदारी दिखाई। सयुंक्त राष्ट्र संघ [UN] के द्वारा आयोजित बैठक में भारत समेत 25 और देश शामिल हुए। ऐसा पहली बार हमे देखने को मिला जब अफगानिस्तान पर हुई चर्चा में तालिबान के नेता मौज़ूद हो। इससे पहले वह UN द्वारा आयोजित हर उस बैठक का वह बहिष्कार करते थे जो जिनमें अफगानिस्तान पर चर्चा होती थी।

भारत के विदेश मंत्री भी दोहा में मौज़ूद थे

कतर की राजधानी दोहा में अफगानिस्तान पर हुई UN की मीटिंग में भारत की तरफ से विदेश मंत्रालय के अधिकारी जेपी सिंह शामिल हुए। हालांकि, इस वक्त विदेश मंत्री एस जयशंकर भी दोहा में थे पर वे बैठक में नहीं गए। भारत अभी तालिबान के मामले बहुत फूंक-फूंक कर कदम रख रहा है।

जेपी सिंह ने UN की मीटिंग से पहले मार्च में काबुल गए थे। वहां उन्होंने तालिबान के अधिकारियों से मुलाकात भी की थी। अफगानिस्तान को मान्यता देने के लिए भारत अभी तैयार नहीं है। हालांकि, वहां मानवीय मदद पहुंचा कर अपना असर बनाए रख रहा है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक अफागनिस्तान में सुरक्षा के हालातों की वजह से भारत तालिबान को अनदेखा नहीं कर सकता है।

तालिबान बोला-” हमें अपनी बात रखने का मौका मिला तालिबान के प्रतिनिधि जबीउल्लहा मुजाहिद ने बैठक के बाद कहा कि उन्हें सभी देशों के सामने अपनी बात रखने का मौका मिला। तालिबान के सत्ता में आने के बाद से अफगानिस्तान के बैंकिंग सेक्टर और उनके अधिकारियों पर पाबंदियां लगी हैं।इससे अफगानिस्तान की अर्थव्यवस्था काफी कमजोर हो गई है। ऐसे में तालिबान की मांग है कि उस पर लगे प्रतिबंधों को हटाया जाए। ”

तालिबान ने यह भी कहा था की ”भारत से रिश्ते मजबूत करना चाहते हैं तालिबान के विदेश मंत्री मुत्ताकी ने मार्च में भारत के जेपी सिंह के साथ हुई बैठक में कहा था, ‘हम भारत के साथ राजनीतिक और आर्थिक स्तर पर रिश्तों को मजबूत करना चाहते हैं।”

विदेश मंत्री ने भारत से अफगान व्यापारियों, छात्रों और मरीजों के लिए वीजा लेने की प्रक्रिया आसान करने की अपील की थी। हालांकि, भारत के विदेश मंत्रालय की तरफ से बैठक को लेकर कोई बयान नहीं दिया गया था।

इसके अलावा भारत ने सुरक्षा और स्थिरता को बनाए रखने, नशीले पदार्थों के खिलाफ अभियान चलाने, ISIS जैसे आतंकी संगठन और भ्रष्टाचार से लड़ने के लिए तालिबान की सराहना की थी। जेपी सिंह ने कहा था- भारत अफगानिस्तान के साथ राजनीतिक और आर्थिक सहयोग बढ़ाना चाहता है। उन्होंने चाबहार पोर्ट के जरिए व्यापार बढ़ाने पर भी जोर दिया था।

कूटनीतिक मान्यता की मांग कर रहा तालिबान ने 15 अगस्त 2021 को काबुल के साथ ही पूरे अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया था। इसके बाद से वो लगातार दुनिया से उसे मान्यता देने की मांग करता रहा है। तालिबान के कार्यकारी रक्षा मंत्री मुल्लाह मोहम्मद याकूब मुजाहिद ने अल-अरेबिया न्यूज चैनल को एक इंटरव्यू दिया था। इस दौरान उन्होंने कहा था- सरकार ने मान्यता हासिल करने के लिए सारी जरूरतों को पूरा किया है।

इसके बावजूद अमेरिका के दबाव में आकर दूसरे देश हमें मान्यता नहीं दे रहे हैं। हम उन देशों से मान्यता की अपील करते हैं जो अमेरिका के दबाव में नहीं हैं। हम चाहते हैं कि दुनिया के ताकतवर इस्लामिक देश हमें सरकार के तौर पर पहचानें।

आपका वोट

How Is My Site?

View Results

Loading ... Loading ...
यह भी पढ़े
Advertisements
Live TV
क्रिकेट लाइव
अन्य खबरे
Verified by MonsterInsights