अफगानिस्तान में जरूरी दवाइयों की भारी किल्लत बॉर्डर पर मेडिकल इक्विपमेंन्ट्स से लदे ट्रकों को नहीं मिल रही एंट्री

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अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के 2 महीने से ज्यादा हो गए हैं। अब देश में जरूरी दवाइयों की किल्लत हो गई है। अफगानिस्तान के फार्मेसी यूनियन के मालिकों ने कहा है कि जरूरी मेडिकल सामानों से लदे 50 से ज्यादा ट्रक अज्ञात वजहों से बॉर्डरों के पास रोक दिये गये हैं। स्थानीय मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक बॉर्डर पर खड़े ट्रकों के देश में प्रवेश नहीं करने की वजह से यहां मेडिकल सप्लाई की समस्या खड़ी हो गई है और आने वाले दिनों में यह और बड़ी हो सकती है।

TOLO news’ ने एक रिपोर्ट में कहा है कि फार्मेसी संगठनों ने चेतावनी दी है कि अगर इन ट्रकों को देश में प्रवेश की अनुमति नहीं मिलती है तो अगले महीने तक देश में चिकित्सीय समस्या काफी बड़ी हो सकती है। यूनियन के एक सदस्य अज़िजउल्लाह शफिक ने कहा, ‘मेडिकल फैक्ट्रियां दवाइयों की कमी से जूझ रही हैं और जरूरी दवाइयों का इस्तेमाल लगातार हो रहा है। अगर यही हालात रहते हैं तो अफगानिस्तान में यह समस्या गंभीर हो सकती है।’

अफगानिस्तान में विदेश से ज्यादा से ज्यादा मेडिकल सप्लाई होती हैं, जो देश के मेडिकल सिस्टम के लिए काफी अहम हैं। काबुल के रहने वाले शाहरुखउल्लाह ने कहा, ‘चिकित्सक ने मुझे दवाई की पर्ची दी थी। मैं तीन दिनों से दवाई खोज रहा हूं लेकिन मुझे नहीं मिली है। जरूरी दवाइयां उपलब्ध नहीं हैं।’

मेडिसन फैक्ट्री के मालिकों का कहना है कि जरुरी सामानों के नहीं मिलने की वजह से कुछ फैक्ट्रियों में उत्पादन बंद हो चुका है। मेडिकल फैक्ट्रियों के चीफ इंस्पेक्टर अब्दुल करीब कोष्टि ने कहा, ‘फ्लाइट अभी सस्पेंड हैं और कस्टम विभाग ने मेडिकल प्रोडक्ट्स से लदी कई ट्रकों को रोक दिया है। कई फैक्ट्रियों के पास दवा बनाने के लिए जरुरी सामान नहीं है जिससे दवाइयों का उत्पादन प्रभावित हुआ है।’ फार्मेसी के मालिकों का कहना है कि ट्रकों के देश में नहीं आने से उनका व्यापार भी प्रभावित हुआ है।

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