चीन की सरकार ने 2022 के लिए लगभग 5.5% का सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का लक्ष्य निर्धारित किया है, जो दशकों में अपने सबसे कम लक्ष्यों में से एक है। दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था कोविड -19 के प्रकोप जूझ रही है। साथ ही रूस के यूक्रेन पर आक्रमण ने भी चिंता की लकीर खींच दी है, जो कि दुनिया की अर्थव्यस्था पर दबाव डाल सकता है। प्रीमियर ली केकियांग ने शनिवार को ‘ग्रेट हॉल ऑफ द पीपल’ में इसकी घोषणा की।
शनिवार को जारी एक चीनी वित्त मंत्रालय की रिपोर्ट में 2022 के लिए चीन के रक्षा बजट को 1.45 ट्रिलियन युआन (230 बिलियन डॉलर) आंका गया। यह पिछले साल की तुलना में 7.1 प्रतिशत अधिक है। यह दूसरी बार है जब चीन का रक्षा बजट 200 अरब डॉलर का आंकड़ा पार कर गया है। पहली बार 2021 में ऐसा हुआ था। साल-दर-साल की वृद्धि की बात करें तो 2019 के बाद से यह सबसे अधिक वृद्धि है, जब रक्षा खर्च में 7.5% की वृद्धि हुई।
भारत से तीन गुना अधिक हुआ चीन का रक्षा बजट
सरकारी अखबार ‘चाइना डेली’ ने प्रधानमंत्री ली केकियांग द्वारा नेशनल पीपुल्स कांग्रेस (एनपीसी) में शनिवार को पेश मसौदा बजट के हवाले से बताया कि चीन की सरकार ने वित्त वर्ष 2022 के लिए 1.45 खरब (ट्रिलियन) युआन के रक्षा बजट का प्रस्ताव किया है जो पिछले साल के मुकाबले 7.1 प्रतिशत अधिक है। इस वृद्धि के साथ चीन का रक्षा बजट भारत के रक्षा बजट (लगभग 70 अरब डॉलर) के मुकाबले तीन गुना हो गया है।
चीनी प्रधानमंत्री ने संसद में पेश कार्य रिपोर्ट में पीएलए की युद्ध तैयारी को वृहद तरीके से मजबूत करने पर जोर दिया। चीन द्वारा रक्षा बजट में वृद्धि का प्रस्ताव भारत के साथ पूर्वी लद्दाख में गतिरोध और अमेरिका के साथ बढ़ते राजनीतिक और सैन्य तनाव के बीच आया है। चीन रक्षा बजट पर खर्च करने के मामले में दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा देश है।