न्यूज़ डेस्क : (GBN24)
Invest UP: उत्तर प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी के लक्ष्य तक पहुंचाने के लिए ‘इन्वेस्ट यूपी (Invest UP)’ अभियान में अधिक से अधिक निवेशकों/उद्यमियों को यूपी में निवेश करने के सब्जबाग तो दिखाए गए लेकिन धरातल की हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है. जिले में ‘उत्तर प्रदेश निवेश-2023’ के अंतर्गत निराश्रित/बेसहारा देशी गायों की नस्ल सुधार, पुनर्वास व दुग्ध प्रसंस्करण की दो परियोजनाओं की स्थापना की मंशा लेकर कुल 266 करोड़ रुपए का निवेश करने आई.
उत्तराखंड(Uttarakhand) की एक प्रतिष्ठित कंपनी ‘गोल्ड सन साइन एग्रोटेक सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड’ को 1.5 साल बीतने के बाद भी आज तक शासन-प्रशासन भूमि आवंटित नहीं करा पाया है, जिससे दोनों परियोजनाओं के 1.5 साल से लंबित होने के चलते कंपनी को प्रतिमाह लाखों रुपए का नुक़सान उठाना पड़ रहा है. इन्वेस्ट यूपी अभियान में भारी हो-हल्ला मचाने के बाद धरातल पर निवेशकों के साथ हो रहे छलावे से प्रदेश में निवेश करने आए निवेशकों का अब इस अभियान से मोह-भंग हो रहा है।
बता दें., उत्तराखंड की पशुपालन एवं लाइव स्टॉक क्षेत्र की एक अग्रणी कंपनी गोल्ड सन साइन एग्रोटेक सर्विसेज प्रा० लि० के प्रबंध निदेशक उज्जवल सिंह ‘शैलेश’ ने निराश्रित गौवंशो की नस्ल सुधार तथा उनके पुनर्वास व दुग्ध प्रसंस्करण क्षेत्र में दो परियोजनाओं में कुल 266(205+61) करोड़ रुपए के निवेश को लेकर यूपी सरकार के साथ दो एमओयू साइन किए थे.
गौरतलब है कि इन्वेस्ट यूपी में सरकार द्वारा भूमि आवंटन की सुविधा भी दी गई थी लेकिन शासन-प्रशासन की घोर उदासीनता के चलते कंपनी को आज तक भूमि आवंटित नहीं हो पाई है. स्थानीय जिला प्रशासन के उदासीन रवैए के चलते आज तक भूमि आवंटित ना होने के कारण कंपनी की परियोजनाएं लंबित होने के अलावा कंपनी को आर्थिक नुकसान भी पहुंच रहा है. शासन-प्रशासन की उदासीनता के चलते आज तक यह जनकल्याणकारी परियोजना धरातल पर नहीं उतर पाई है.
कंपनी के प्रबंध निदेशक उज्जवल सिंह ‘शैलेश’ ने सोमवार को जिले में पीडब्ल्यूडी के अतिथि गृह में कंपनी की ओर से आयोजित प्रेसवार्ता में मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ उनके प्रेरणास्रोत हैं लेकिन उनके लाख निर्देशों के बाद भी जिला प्रशासन के लापरवाह रवैए के चलते जिले में उन्हें कोई सहयोग नहीं मिल पा रहा है. 1.5 साल से कंपनी को भूमि ना मिलने से आखिर किस तरह कंपनी अपने लक्ष्य की पूर्ति कर पाएगी और किस तरह प्रदेश-जिले के विकास में अपनी महती भूमिका अदा कर पाएगी.
उज्जवल सिंह ‘शैलेश’ बताते हैं कि उनका उद्देश्य पूरे हरदोई जनपद में लगभग 10 हजार निराश्रित देशी गायों की नस्ल सुधार कर उनके पुनर्वास और छोटे-छोटे पशुपालकों/किसानों के कल्याण हेतु दुग्ध उत्पादन के जरिए उनकी आय में वृद्धि करना है। कंपनी ने अपनी परियोजनाओं के संबंध में लगभग 70 करोड़ रुपए के निर्माण टेंडर भी आवंटित कर दिए थे, दोनों परियोजनाओं की स्थापना से जिले में सैकड़ों रोजगार भी सृजित होने से युवाओं को रोजगार भी मिलता.
कंपनी द्वारा पूर्व में ही प्रारंभिक चरण में लगभग 1000 विभिन्न पदों के लिए रिक्तियां घोषित की गई थीं. लेकिन शासन-प्रशासन द्वारा इस परियोजना को गंभीरता से ना लेने व जिले में/क्षेत्रीय प्रतिनिधियों द्वारा सहयोग ना करने से उन्हें भविष्य में परियोजनाओं के बंद करने पर भी विचार करना पड़ सकता है.
हालांकि इसी क्रम में मंगलवार को कंपनी के प्रबंध निदेशक उज्जवल सिंह ‘शैलेश’ ने उत्तर प्रदेश में श्वेत क्रांति की दिशा में अपनी दोनों परियोजनाओं के संबंध में यूपी के नव-नियुक्त मुख्य सचिव(सीएस) मनोज कुमार सिंह से मुलाकात कर अपनी बात रखी है। वार्ता के दौरान मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने उन्हें पूर्ण आश्वाशन देते हुए कहा कि जल्द ही इस संदर्भ में जिला प्रशासन को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए जाएंगे।