Sunday, January 19, 2025

Jammu and Kashmir के उपराज्यपाल की शक्तियां केंद्र ने बढ़ाई: दिल्ली के LG की तरह अफसरों की ट्रांसफर-पोस्टिंग में मंजूरी होगी जरूरी

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न्यूज़ डेस्क : (GBN24)

स्नेहा श्रीवास्तव

केंद्र सरकार ने Jammu and Kashmir के उपराज्यपाल (LG) की प्रशासनिक शक्तियां बढ़ा दी हैं. दिल्ली की तरह अब Jammu and Kashmir में राज्य सरकार उपराज्यपाल की मंजूरी के बिना अफसरों की ट्रांसफर-पोस्टिंग नहीं कर सकेगी.

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गृह मंत्रालय ने Jammu and Kashmir पुनर्गठन अधिनियम, 2019 की धारा 55 के तहत संशोधित नियमों को अधिसूचित किया है, जिसमें LG को ज्यादा शक्ति देने वाली नई धाराएं जोड़ी गई हैं. इस संशोधन के बाद उपराज्यपाल को अब पुलिस, कानून व्यवस्था, ऑल इंडिया सर्विस (AIS) से जुड़े मामलों में ज्यादा अधिकार होंगे.

Jammu and Kashmir में इसी समय सितंबर तक विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. ऐसे में उपराज्यपाल की शक्तियां बढ़ाने को लेकर केंद्र के फैसले महत्वपूर्ण समझा जा रहा है. राज्य में किसी की भी सरकार बने, लेकिन अहम फैसले लेने की शक्तियां केवल LG के पास ही होंगी.

संशोधित नियमों में दो पॉइंट जोड़ा गया

* 42A: कोई भी प्रस्ताव जिसके लिए अधिनियम के तहत ‘पुलिस’, ‘सार्वजनिक व्यवस्था’, ‘अखिल भारतीय सेवा’ और ‘भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो’ (ACB) के संबंध में वित्त विभाग की पूर्व सहमति जरूरी है, तब तक स्वीकृत या अस्वीकार नहीं किया जाएगा जब तक कि इसे मुख्य सचिव के माध्यम से उपराज्यपाल के समक्ष नहीं रखा जाता है.

* 42B: मुक़दमा को स्वीकृति देना या उसको अस्वीकार करना या उसके लिए अपील दायर करने के संपर्क में कोई भी प्रस्ताव विधि विभाग द्वारा मुख्य सचिव के माध्यम से उपराज्यपाल के सम्मुख रखा जाएगा. Jammu and Kashmir पुनर्गठन अधिनियम (2019) 5 अगस्त, 2019 को संसद में पारित किया गया था. इसमें Jammu and Kashmir को दो भागों में बांटकर केंद्र शासित प्रदेश बना दिया गया था.

पहला- Jammu and Kashmir
दूसरा- लद्दाख.

इस अधिनियम ने अनुच्छेद 370 को भी अस्वीकार कर दिया, जिसने Jammu and Kashmir को विशेष दर्जा दिया था.

उमर अब्दुल्ला का कहना है कि

हर चीज के लिए LG से भीख मांगनी पड़ेगी.केंद्र के इस फैसले पर नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता और Jammu and Kashmir के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि “एक और संकेत है कि Jammu and Kashmir में चुनाव नजदीक हैं. यही कारण है कि Jammu and Kashmir के लिए पूर्ण, अविभाज्य राज्य का दर्जा नवीनीकृत करने के लिए समय सीमा निर्धारित करने की दृढ़ संकल्पबद्धता इन चुनावों के लिए एक महत्वपूर्ण शर्त है”. Jammu and Kashmir के लोग शक्तिहीन, रबर स्टैम्प CM से बेहतर के हकदार हैं, जिन्हें अपने चपरासी की नियुक्ति के लिए LG से भीख मांगनी पड़ेगी.

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