Jammu Kashmir Election: जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव जारी है.10 सालों के बाद जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव हो रहे हैं, चुनाव के बीच एक बार फिर पाकिस्तान चर्चा का विषय बन रहा है. क्योंकि पाकिस्तान के रक्षामंत्री ख्वाजा आसिफ(Khawaja Asif) ने जम्मू कश्मीर चुनाव के बीच कांग्रेस(Congress) और नेशनल कांफ्रेंस(JKNC) का समर्थन किया है. जी हाँ, ख्वाजा आसिफ ने कहा है कि अगर कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस सत्ता में आती है तो कश्मीर में अनुच्छेद 370 वापस हो सकता है. इस बयान पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह(Amit Shah) ने पलटवार किया है.
दरअसल जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव का पहला चरण पूरा हो चूका है. लेकिन 2 चरण अभी बाकी है. चुनाव के बीच पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस का समर्थन करते हुए कहा है कि, अगर कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस सत्ता में आते है तो कश्मीर में आर्टिकल 370 फिरसे वापस आ सकता है. उनका कहना है कि इस बार ये दोनों दल सत्ता में आ सकते हैं ऐसे में उम्मीद है कि आर्टिकल 370 की वापसी जल्द ही हो सकती है.
कांग्रेस और पाकिस्तान के इरादे एक हैं: अमित शाह
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस समर्थन का विरोध करते हुए सोशल मीडिया के जरिए कहा कि, ”पाकिस्तान के रक्षा मंत्री का आर्टिकल 370 और 35A पर कांग्रेस और JKNC के समर्थन की बात ने एक बार फिर कांग्रेस को एक्सपोज कर दिया है. इस बयान ने पुनः यह स्पष्ट कर दिया है कि कांग्रेस और पाकिस्तान के इरादे भी एक हैं और एजेंडा भी. पिछले कुछ वर्षों से राहुल गांधी देशवासियों की भावनाओं को आहत करते हुए हर एक भारत विरोधी ताकतों के साथ खड़े रहे हैं.”
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री का आर्टिकल 370 और 35A पर कांग्रेस और JKNC के समर्थन की बात ने एक बार फिर कांग्रेस को एक्सपोज कर दिया है। इस बयान ने पुनः यह स्पष्ट कर दिया है कि कांग्रेस और पाकिस्तान के इरादे भी एक हैं और एजेंडा भी। पिछले कुछ वर्षों से राहुल गाँधी देशवासियों की भावनाओं…— Amit Shah (@AmitShah) September 19, 2024
अमित शाह ने आगे कहा कि, ”एयर स्ट्राइक व सर्जिकल स्ट्राइक के सबूत माँगने हों, या भारतीय सेना के बारे में आपत्तिजनक बातें करना हो, राहुल गांधी की कांग्रेस पार्टी और पाकिस्तान के सुर हमेशा एक रहे हैं और कांग्रेस का हाथ हमेशा देशविरोधी शक्तियों के साथ रहा है. लेकिन, कांग्रेस पार्टी और पाकिस्तान यह भूल जाते हैं कि केंद्र में मोदी सरकार है, इसलिए कश्मीर में न तो आर्टिकल 370 वापस आने वाला है और न ही आतंकवाद.”
क्या है आर्टिकल 370 ?
आर्टिकल 370 एक ऐसा अनुच्छेद था, जो जम्मू-कश्मीर को कानून और प्रशासन के मामले में एक अलग नियम बनाने की स्वंत्रता प्रदान करता था. हालांकि, इसके तहत वित्त, विदेश, रक्षा और संचार के विभाग शामिल नहीं थे और इसके अलावा वहां की सरकार कोई भी कानून पारित कर सकती थी. इसके अलावा जम्मू-कश्मीर का अपना एक अलग से झंडा भी हुआ करता था. हालांकि, 5 अगस्त 2019 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने संसद में कानून पारित कर इसे हटा दिया था.