न्यूज़ डेस्क : (GBN24)
प्रीत
Kolkata High Court ने 2023 में एक रेप केस मामले में सुनवाई करते हुए टीनएजर लड़कियों को यह सलाह दी थी कि लड़कियों को अपनी यौन इच्छाओं पर नियंत्रण रखना चाहिए और दो मिनट के सुख में नहीं पड़ना चाहिए. Kolkata High Court की इस टिप्पणी के बाद सुप्रीम कोर्ट ने इन टिप्पणियों पर स्वत: संज्ञान लिया था.
सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को Kolkata High Court के इस फैसले को रद्द कर दिया गया है, जिसमें कलकत्ता हाईकोर्ट ने किशोरियों से उनकी यौन इच्छाओं पर काबू पाने की सलाह दी थी. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने रेप के आरोपी को बरी करने के हाईकोर्ट के फैसले को भी पलट दिया है.
दरअसल पिछले साल Kolkata High Court की तरफ से टीनएजर किशोरियों को दी गई सलाह पर सुप्रीम कोर्ट ने आपत्ति जताई थी. इस फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया था. जस्टिस एएस ओका की अगुवाई में पीठ ने जजों को दिशानिर्देश भी जारी किए गए हैं कि इस तरह के मामलों में किस तरह से फैसला देना चाहिए, विशेष रूप से टीनेजर्स से जुड़े मामले हो तो खास संवेदनशीलता और एहतियात बरतने को कहा कहा गया है.
जस्टिस ओका ने कहा कि हमने धारा 376 के तहत आरोपी का दोष करार कर दिया है. कमेटी सजा पर फैसला लेगी. हमने राज्यों को निर्देश दिए हैं. इस केस को जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड को भेज देना चाहिए.
क्या है पूरा मामला?
Kolkata High Court ने 2023 में एक रेप केस में सुनवाई करते हुए टीनेजर लड़कियों को एक सलाह दी थी कि लड़कियों को अपनी यौन इच्छाओं पर कंट्रोल रखना चाहिए और दो मिनट के सुख में नहीं पड़ना चाहिए.
Kolkata High Court ने कहा था कि नाबालिग लड़कों को युवा लड़कियों, महिलाओं और उनकी गरिमा का सम्मान करना चाहिए. Kolkata High Court की इस टिप्पणी के बाद सुप्रीम कोर्ट ने इन टिप्पणियों पर स्वत: संज्ञान लिया था. पिछले साल दिसंबर में सुप्रीम कोर्ट ने यह कहा था कि जजों को अपनी निजी राय कोर्ट में व्यक्त नहीं करनी चाहिए. ऐसा आदेश करना किशोरों के अधिकारों का हनन है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि दोषियों को बरी करना भी यह भी पहली निगाह में उचित नहीं है. दरअसल हाईकोर्ट ने उस मामले में आरोपी को बरी कर दिया था.