प्रीत
सेबी के एक्शन के बाद से ही Anil Ambani की कंपनियों के शेयरों में शुक्रवार से ही लोअर सर्किट लग गए हैं. रिलायंस पावर के शेयर में 5% का लोअर सर्किट लगकर 31.10 रुपये पर पहुंच गया है. जबकि रिलायंस कम्युनिकेशंस के शेयर में मंगलवार को ट्रेडिंग होल्ड पर है. पिछले हफ्ते भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) ने उद्योगपति Ani Ambani के खिलाफ एक कड़ा एक्शन लिया गया था. जिसके बाद से ही Anil Ambani से जुड़ी कई कंपनियों के शेयरों में लोअर सर्किट लग रहे हैं.
दरअसल, 22 अगस्त को सेबी ने Anil Ambani और 24 अन्य को फंड डायवर्जन के आरोप में इक्विटी मार्केट से 5 साल तक के लिए बैन कर दिया गया था. और साथ ही Anil Ambani पर 25 करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगा दिया है. जिसमें कहा गया था कि उन्होंने रिलायंस होम फाइनेंस से धन की ‘हेराफेरी’ करने की योजना बनाई थी, जो कि रिलायंस समूह की एक लिस्टेड सहायक कंपनी है, जिसके अध्यक्ष Anil Ambani हैं.
इन कंपनियों में लोअर सर्किट
सेबी के इस एक्शन के बाद उद्योगपति Anil Ambani से जुड़ीं कई कंपनियां रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड, रिलायंस पावर (Reliance Power) और रिलायंस कम्युनिकेशंस के शेयरों में भी मंगलवार को लोअर सर्किट लग गए है. रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड के शेयर 5% के लोअर सर्किट के साथ 4.03 रुपये पर पहुंच गया है.
वहीं रिलायंस पावर के शेयर में 5% का लोअर सर्किट लगकर 31.10 रुपये पर पहुंचा. जबकि रिलायंस कम्युनिकेशंस के शेयर में मंगलवार को ट्रेडिंग होल्डपर है. लेकिन इससे पहले सोमवार को यह शेयर भी 5% से टूटकर 2.32 रुपये पर बंद हुआ था. दरअसल सेबी के एक्शन के बाद से Anil Ambani की सभी कंपनियों के शेयरों में शुक्रवार से ही लोअर सर्किट लग रहे हैं. हालांकि इस बीच रिलायंस इंफ्रा के शेयर में मामूली सी बढ़त देखने को मिली है.
SEBI एक्शन पर कंपनी का बयान
SEBI के एक्शन पर Anil Ambani के प्रवक्ता ने यह कहा है कि सेबी के 11 फरवरी, 2022 के अंतरिम आदेश के बाद से ही Anil Ambani ने रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर और रिलायंस पावर के साथ दूरी बना ली थी. और वह ढाई साल से लगातार उस आदेश का पालन कर रहे हैं. अब सेबी ने 22 अगस्त को दिए गए आदेश में उनके खिलाफ एक बैन लगाया गया है. इस पर प्रवक्ता ने कहा कि हम सभी पहलुओं पर सोच विचार कर रहे हैं. समय आने पर फैसला भी लिया जाएगा.
बता दें, सेबी ने अपनी जांच के आधार पर यह कहा था कि Anil Ambani के द्वारा एक फ्रॉड स्कीम चलाई गयी थी. और इस सब में उनका साथ रिलायंस होम फाइनेंस के कुछ अधिकारियों ने दिया था. इन सभी ने मिलकर पब्लिक लिस्टेड कंपनी के पैसों के साथ हेरफेर किया है. रिलायंस होम फाइनेंस ने प्रमोटर से जुड़ी अयोग्य कंपनियों को लोन दिया है . जिस की वजह से आगे जाकर यह एनपीए हो गया और कंपनी की वित्तीय हालत इतनी ज्यादा बिगड़ गई.