न्यूज़ डेस्क : (GBN24)
Mahtari Vandana Yojana: जैसा की सब जानते हैं कि महिला सशक्तिकरण से महिलाओं को आत्मनिर्भरता मिलती है, जिससे वे अपनी जिंदगी के फैसले खुद ले पाती हैं और समाज में एक अच्छी स्थिति में रह सकती हैं। सिर्फ इतना ही नहीं ये उन्हें उनके अधिकार दिलाने में भी मदद करता है। आज भारत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों के कारण दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में शामिल है। भारत को विकसित बनाने के साथ छत्तीसगढ़ को भी आगे बढ़ाने के लिए यहां की माताओं और बहनों का महत्वपूर्ण योगदान रहेगा।
आपको बतादें कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए लगातार काम कर रही है और इसके लिए Mahtari Vandana Yojana शुरू की गई है। दरअसल, छत्तीसगढ़ में त्योहारों और खुशियों के मौके पर महिलाओं को पैसे और उपहार देने की परंपरा है, जिसे सरकार Mahtari Vandana Yojana के जरिए निभा रही है।
Mahtari Vandana Yojana की वजह से महिलाएं अपने बच्चों और परिवार की छोटी-छोटी जरूरतें को पूरी कर पा रही हैं और कुछ महिलाएं इस पैसे को भविष्य के लिए भी निवेश कर रही हैं। इसके अलावा विवाहित महिलाएं घर-परिवार की देखभाल और प्रबंधन में अहम भूमिका निभाती हैं और अपनी छोटी बचत का उपयोग ज्यादातर परिवार और बच्चों की जरूरतों में करती हैं। हालांकि, आर्थिक मामलों में उनकी भूमिका अभी भी सीमित है। और इसी पर ध्यान देते हुए महिलाओं की आर्थिक भागीदारी बढ़ाने के लिए राज्य सरकार लगातार काम कर रही है।
राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे की रिपोर्ट
आपको बतादें कि 2020-21 के राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे की रिपोर्ट के मताबिक, 23.1 प्रतिशत महिलाएं ऐसी हैं जिनमे मानक बॉडी मास इंडेक्स से कम हैं। वहीं 15 से 49 वर्ष की महिलाओं में 60.8 प्रतिशत एनीमिया का स्तर है और गर्भवती महिलाओं में 51.8 प्रतिशत यह है। और ऐसे में उनके लिए Mahtari Vandana Yojana बड़ी राहत साबित हो रही है।
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय का कहना है कि उनका लक्ष्य अगले पांच वर्षों में राज्य की GDP को दोगुना करना है। जिसके लिए महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से Mahtari Vandana Yojana के लिए बजट में 3,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
इसके साथ ही इस योजना की पहली किश्त 10 मार्च से महिलाओं के बैंक खातों में भेजी गई। Mahtari Vandana Yojana से राज्य के 70 लाख 12 हजार 417 लाभार्थियों को मदद मिल रही है, और जून महीने में चौथी किश्त की राशि भी महिलाओं के बैंक खातों में भेजी जा चुकी है।