Indian Recruitment 2022: सेना में बने रहे 25 फीसदी सैनिक अगले 15 सालों तक सेना का हिस्सा बने रहेंगे। साथ ही वे पेंशन के भी हकदार होंगे। सेना की यह नई भर्ती प्रक्रिया पर लंबे समय से चर्चाएं जारी हैं।
रक्षा मंत्रालय, थल सेना, नौसेना और वायुसेना के प्रमुखों ने भारतीय सेना में भर्ती की नई योजना ‘अग्निपथ’ का ऐलान कर दिया है। इस योजना के तहत भर्ती होने वाले सशस्त्र बलों में ‘अग्निवीरों’ के तौर पर शामिल किया जाएगा। खास बात है कि कोविड-19 महामारी के चलते बीते करीब 2 सालों से अटकी भर्ती प्रक्रिया को इस घोषणा के बाद रफ्तार मिलेगी।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, जनरल मनोज पांडे, एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी और एडमिरल आर हरि कुमार ने नेशनल मीडिया सेंटर में नई योजना की घोषणा की। नई व्यवस्था में अग्निवीरों के तौर पर सेना में शामिल होने वाले सैनिक चार सालों तक अपनी सेवाएं देंगे। हालांकि, इसमें एक अन्य प्रावधान भी शामिल है, जिसमें स्क्रीनिंग के एक अन्य दौर के बाद 25 फीसदी सैनिक सेना का हिस्सा बने रहेंगे। चार साल के बाद सेना से निकलने वाले सैनिकों को पेंशन नहीं मिलेगी। ऐसे में उन्हें 11 लाख रुपये का पैकेज मिलने की संभावनाएं हैं।
वहीं, सेना में बने रहे 25 फीसदी सैनिक अगले 15 सालों तक सेना में सेवाएं देंगे। साथ ही वे पेंशन के भी हकदार होंगे। सेना की यह नई भर्ती प्रक्रिया पर लंबे समय से चर्चाएं जारी हैं। सेना के दिग्गजों का मानना है कि इसके फायदे से ज्यादा नुकसान होंगे। सेना में अग्निवीर एक अलग रैंक होगी, जिसके सैनिक वर्दी पर खास बैज भी पहनेंगे।
नई भर्ती योजना की खास बातें
अग्निपथ मॉडल के तहत सेना में (PBOR) रैंक से नीचे के अधिकारियों की भर्ती की जाएगी। अधिकारियों ने जानकारी दी है कि 4 साल की सेवा में 6 महीने की ट्रेनिंग अवधि भी शामिल है। अग्निपथ के जरिए सेना का हिस्सा बने सैनिकों को प्रति माह 30 हजार से 40 हजार रुपये तक सैलरी मिलेगी। साथ ही इन्हें 48 लाख रुपये का इंश्योरेंस मिलेगा। अधिकारियों ने बताया कि सैनिकों को ‘अग्निवीर स्किल सर्टिफिकेट’ भी मिलेगा, जो उन्हें सेना की सेवा के बाद अन्य नौकरी हासिल करने में मदद करेगा।