कहते हैं कि अगर कोई गलती एक बार हो तो उसे गलती नहीं माना जाता। लेकिन अगर वही गलती बार-बार दोहराई जाए तो फिर वह अभिशाप बन जाती है। फिलहाल कांग्रेस के ऊपर यह बात पूरी तरह से लागू होती है।
कहते हैं कि अगर कोई गलती एक बार हो तो उसे गलती नहीं माना जाता। लेकिन अगर वही गलती बार-बार दोहराई जाए तो फिर वह अभिशाप बन जाती है। कांग्रेस के ऊपर यह बात पूरी तरह से लागू होती है। कांग्रेस भी लगातार एक गलती दोहरा रही है और यह गलती है उसके बड़े नेताओं द्वारा पीएम मोदी के खिलाफ गलत शब्दों का इस्तेमाल। इससे भी ज्यादा हैरानी की बात यह है कि इन शब्दों का इस्तेमाल बेहद अहम मौकों पर किया गया। अब जयराम रमेश ने मोदी को यू-टर्न उस्ताद बता दिया है।
मिस्त्री ने क्या कहा था?
साल 2017 के गुजरात विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने पीएम के खिलाफ गलत शब्दों का इस्तेमाल किया था। एक बार फिर गुजरात विधानसभा के चुनाव हैं और इस बार जुबान फिसली है कांग्रेस के सीनियर लीडर मधुसूदन मिस्त्री ने। कल गुजरात में मधुसूदन मिस्त्री ने गुजरात चुनाव के लिए कांग्रेस के घोषणापत्र का ऐलान किया। इसके बाद उन्होंने कुछ ऐसा कहा जो आने वाले चुनाव में उनकी पार्टी के लिए घाटे का सौदा साबित हो सकता है। मिस्त्री ने कहा कि वह आने वाले चुनाव में पीएम को औकात बताएंगे। वहीं, आज जयराम रमेश ने फूड सिक्योरिटी को लेकर केंद्र सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दायर हलफनामे पर तंज कसते हुए पीएम को यू-टर्न उस्ताद बता दिया।
सबक क्यों नहीं ले रहे हैं कांग्रेसी नेता
सबसे अहम बात है कि तमाम कांग्रेसी नेताओं ने पीएम के खिलाफ गलत शब्दों का इस्तेमाल अहम मौकों पर किया है। इससे भी अहम यह है कि ऐसे शब्दों का इस्तेमाल करने के बाद कांग्रेस को इसका खामियाजा भी उठाना पड़ा है। पीएम के खिलाफ कांग्रेसी नेताओं के गलत शब्दों को भाजपा भुना लेती है। पीएम पर अटैक होता है तो भाजपा इसे कांग्रेस की मानसिकता बताने लगती है। इस तरह वह आम जनता की सहानुभूति हासिल कर लेती है। नतीजा, कांग्रेस का प्रदर्शन लगातार पूरे देश में कमजोर होता चला जा रहा है। वहीं, भारतीय जनता पार्टी लगातार हावी होती गई है।
किन-किन नेताओं ने कहे अपशब्द
प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ गलत शब्दों का इस्तेमाल करने वाले कांग्रेसी नेताओं की फेहरिस्त काफी लंबी है। इसमें राहुल गांधी तक का नाम शामिल है। इसके अलावा मणिशंकर अय्यर, सुबोधकांत सहाय, रणदीप सुरजेवाला, अलका लांबा, शेख हुसैन, अजय राय भी यह कारनामा अंजाम दे चुके हैं। अब इन कांग्रेसी नेताओं की जुबान फिसल जाती है या फिर वह किसी रणनीति के तहत ऐसा करते हैं यह तो वही जाने, लेकिन लांग टर्म में यह कांग्रेस के लिए कहीं से भी फायदा पहुंचाने वाली नहीं दिख रही।