पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास गतिरोध के बाकी स्थानों से सैनिकों को पीछे हटाने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए भारत और चीन के बीच उच्च स्तरीय सैन्य वार्ता का अगला दौर कल यानी रविवार को होगा। माना जा रहा है कि भारत के लद्दाख कोर कमांडर और चीनी दक्षिण शिनजियांग सैन्य जिला कमांडर के बीच रविवार को चुशुल में यह बैठक होगी, जहां बातचीत के एजेंडे में पेट्रोलिंग प्वाइंट 15 या सामान्य क्षेत्र हॉट स्प्रिंग्स से डी-एस्केलेशन होगा।
अधिकारियों ने कहा कि दोनों पक्षों ने 13वें दौर की सैन्य वार्ता की तैयारियों के तहत विवरण का आदान-प्रदान किया है, ताकि गतिरोध के बाकी स्थानों पर तनाव खत्म करने पर जोर दिया जा सके। सैन्य सूत्रों ने कहा कि कोर कमांडर स्तर की वार्ता के अगले दौर में हॉट स्प्रिंग्स और कुछ अन्य क्षेत्रों से सैनिकों को पीछे हटाने पर चर्चा होने की उम्मीद है।
मामले से परिचित लोगों के अनुसार, वरिष्ठ सैन्य कमांडर दक्षिण डेमचोक में देपसांग बुलगे और चारडिंग नाला जंक्शन सहित पूर्वी लद्दाख में एक-एक करके संघर्ष के बाकी बचे बिंदुओं को उठाएंगे। अगर हॉट स्प्रिंग्स से डी-एस्केलेशन पर दोनों एक समझौते पर आने का फैसला करते हैं, तो मई 2020 की चीनी सैनिकों की आक्रामकता को पूर्वी लद्दाख में यथास्थिति के साथ उलट दिया जाएगा। अब तक लगभग पीएलए के 50 जवान गश्त बिंदु 15 पर अपनी स्थिति से आगे हैं और इतनी ही संख्या में भारतीय सेना के जवान उनका सामना कर रहे हैं।
हालांकि, पिछले साल की तुलना में दोनों पक्षों के बीच सैन्य स्थिति कम हो गई है। फिर भी पीएलए ने अभी भी दो से अधिक डिवीजनों और कई संयुक्त हथियार ब्रिगेडों को तैनात सीमा पर आगे की ओर तैनात कर रखा है। भारतीय सेना ने भी चीन को टक्कर देते हुए तैनाती कर रखी है और दोनों तरफ से स्टैंडबाय पर वायु सेना को रखा गया है। बीजिंग पर नजर रखने वाले एक अधिकारी ने कहा कि अगर रविवार को पट्रोलिंग प्वाइंट 15 से डी-एस्केलेशन की प्रक्रिया पर सहमति बन जाती है तो तो भारत और चीन दोनों 16 महीने के बाद पूर्वी लद्दाख थिएटर से सैनिकों को हटाने की दिशा में काम कर सकते हैं।