बिना मंजूरी जांच नहीं कर पाएगी CBI, मेघालय सरकार का फैसला: ऐसा करने वाला देश का 9वां राज्य

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राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) शासित मेघालय केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की जांच के लिए आम सहमति वापस लेने वाला नौवां राज्य बन गया है। सूत्रों के अनुसार एजेंसी के शीर्ष अधिकारियों ने गुरुवार को संसद की एक समिति को यह जानकारी दी। इससे पहले मिजोरम और गैर-राजग शासित सात राज्यों-महाराष्ट्र, पंजाब, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, झारखंड, छत्तीसगढ़ और केरल ने सीबीआई जांच के लिए आम सहमति वापस ले ली थी

मेघालय में सत्तारूढ़ गठबंधन में भाजपा साझेदार है जहां नेशनल पीपुल्स पार्टी के नेता कोनराड संगमा मुख्यमंत्री हैं। एजेंसी के शीर्ष अधिकारियों ने समिति को बताया कि इन आठ राज्यों में अनेक मामलों में जांच के लिए 150 अनुरोध लंबित हैं। अधिकारियों ने बताया कि इनमें बैंक धोखाधड़ी, जालसाजी और धन के गबन से संबंधित मामले शामिल हैं।

अब तक नौ राज्यों ने CBI को लेकर आम सहमति वापस ली
सीबीआई के निदेशक सुबोध जायसवाल और एजेंसी के अन्य शीर्ष अधिकारियों ने वरिष्ठ भाजपा नेता सुशील मोदी की अध्यक्षता वाली कार्मिक, लोक शिकायत, विधि व न्याय पर संसदीय स्थायी समिति के समक्ष अपना पक्ष रखा। समिति के सूत्रों ने कहा कि जब कुछ सदस्यों ने सीबीआई से आम सहमति वापस लेने के बारे में पूछा तो एजेंसी के अधिकारियों ने उन्हें सूचित किया कि अब तक नौ राज्यों ने आम सहमति वापस ली है, जिनमें सबसे ताजा मामला मेघालय का है।

CBI जांच के लिए आम सहमति वापस लेने वाला मिजोरम पहला राज्य
मिजोरम 2015 में इसे वापस लेने वाला पहला राज्य था। उस समय राज्य में कांग्रेस का शासन था और तब मुख्यमंत्री ललथनहवला थे। 2018 में, जोरमथंगा के नेतृत्व में मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) सत्ता में आया, लेकिन उनकी पार्टी एनडीए की सहयोगी होने के बावजूद सीबीआई को लेकर सहमति नहीं बन पाई थी। दरअसल, विपक्षी राज्यों का आरोप है कि सीबीआई अपनी जांच में निष्पक्ष नहीं है। विपक्षी नेताओं को निशाना बनाने के लिए केंद्र के हाथ में यह एक टूल बन गई है।

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