पैगंबर विवादः पश्चिम बंगाल में हिंसा के बाद सियासी ‘टक्कर’, भाजपा नेता की पुलिस को चुनौती

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हावड़ा जिले के कई इलाकों में 15 जून तक धारा 144 लगाई गई है और 13 जून तक इंटरनेट सर्विस पर रोक लगा दी गई है। शुभेंदु अधिकारी ने पुलिस प्रशासन को चैलेंज दिया है कि अगर उन्हें रोका गया तो वह कोर्ट जाएंगे

नूपुर शर्मा के बयान को लेकर पूरे देश में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। हिंसक विरोध प्रदर्शन के चलते आरोपियों पर कार्रवाई भी की जा रही है। पश्चिम बंगाल में भी इसको लेकर राजनीतिक युद्ध भी छिड़ गया है। राज्य में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी को हावड़ा जाने से रोका गया तो उन्होंने पुलिस को चुनौती दे डाली। अधिकारी ने कहा है कि वह पुलिस के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ेंगे। दरअसल हिंसा के चलते हावड़ा में धारा 144 लगाई गई है। 

अधिकारी के गृह नगर में कांथी पुलिस स्टेशन से एक लेटर जारी करके कहा गया कि शुभेंदु अधिकारी को हावड़ा आने से इसलिए रोका गया है क्योंकि प्रशासन को उनकी सुरक्षा की चिंता है। वहीं अधिकारी ने कांथी से हावड़ा रवाना होने से पहले कहा, हावड़ा में हमारे पार्टी कार्यालय पर हमला किया गया और मैं वहां जाऊँगा। मैं धारा 144 का उल्लंघन नहीं करूंगा और अकेला ही जाऊंगा। अगर पुलिस ने रोका तो मैं अगले दिन कोर्ट चला जाऊंगा। 

सुकांत मजूमदार को किया गया था गिरफ्तार
अधिकारी ने कहा, एक संकटग्रस्त इलाके में जाने से इस तरह नहीं रोका जा सकता। बता दें कि इससे पहले राज्य में भाजपा प्रमुख सुकांता मजूमदार भी हावड़ा जाने की कोशिश कर रहे थे लेकिन उन्हें रास्ते में ही गिरफ्तार कर लिया गया था। भाजपा नेता अमित मालवीय ने ट्वीट कर कहा, ‘पहले ममता बनर्जी ने सुकांत मजूमदार को हिरासत में लिवाया और अब विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी को हावड़ा जाने से रोक रही हैं। उनका पूरा फोकस विपक्ष पर है न कि दुधैल गायों पर है।

शांति भंग करना चाहती है भाजपाः टीएमसी
इसपर टीएमसी के कुणाल घोष ने कहा कि अधिकारी हावड़ा इसलिए जाना चाहते हैं ताकि वह संकट को और बढ़ा सकें। उन्होंने कहा, ‘उन इलाकों में जाने की क्या जरूरत है जहां धारा 144 लगी हुई है। वह केवल दिक्कत बढ़ाना चाहते हैं। भाजपा राज्य का शांतिपूर्ण वातावरण खराब कर रही है।’
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