सरकार ने मंगलवार को श्रीलंका संकट को लेकर सर्वदलीय बैठक बलाई है। तमिलनाडु के राजनीतिक दलों ने सरकार से अपील की है कि इस मामले में ध्यान दिया जाए। श्रीलंका के मंत्री भी भारत से मदद की गुहार लगा चुके है
केंद्र सरकार ने श्रीलंका संकट पर मंगलवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई है, जिसमें केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण और एस जयशंकर वहां की स्थिति के बारे में जानकारी देंगे। संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने यह जानकारी दी। बता दें कि तमिलनाडु की राजनेताओं ने भारत सरकार से अपील की है कि संकट की इस घड़ी में वह श्रीलंका का साथ दे।
संसद के मॉनसून सत्र से पहले रविवार को बुलाई गई सर्वदलीय बैठक के दौरान तमिलनाडु के दलों DMK और AIADMK ने भारत से पड़ोसी देश के मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की, जो एक अभूतपूर्व आर्थिक संकट का सामना कर रहा है। रविवार की बैठक के दौरान, द्रमुक और अन्नाद्रमुक दोनों ने श्रीलंका और खासकर उस देश में तमिल आबादी की स्थिति से संबंधित मुद्दे को उठाया। बैठक के बाद द्रमुक नेता एम थंबीदुरई ने संवाददाताओं से कहा कि भारत को श्रीलंका संकट के समाधान के लिए हस्तक्षेप करना चाहिए।
DMK नेता टी आर बालू ने भी श्रीलंका की मौजूदा स्थिति के समाधान में भारत के हस्तक्षेप की मांग की। श्रीलंका पिछले सात दशकों में सबसे गंभीर आर्थिक संकट का सामना कर रहा है, जहां विदेशी मुद्रा की कमी के कारण भोजन, ईंधन और दवाओं सहित आवश्यक वस्तुओं के आयात में बाधा आ रही है। सरकार के खिलाफ उग्र प्रदशनों के बाद आर्थिक संकट ने देश में एक राजनीतिक संकट को भी जन्म दिया।
श्रीलंका के मंत्री ने भी लगाई थी भारत से गुहार
श्रीलंका के मंत्री कंचना विजेसेकारा ने भी अपना दर्द बयां करते हुए भारत से गुहार लगाई थी। उन्होंने कहा था कि भारत ने हर बार श्रीलंका की मदद की है। उन्होंने कहा कि ईंधन को लेकर कई देशों से मदद मांगी गई है। हालांकि भारत हमेशा हमारी मदद करता आया है इसलिए उससे उम्मीदें ज्यादा है।