न्यूज़ डेस्क : (GBN24)
Shaheed Bhagat Singh: Pakistan की पंजाब सरकार ने शुक्रवार को शादमाल चौक मामले में हाई कोर्ट (High Court) से और समय देने की मांग की है. लाहौर हाई कोर्ट (High Court) के न्यायाधीश शम्स महमूद मिर्जा इस दौरान ‘भगत सिंह मेमोरियल फाउंडेशन Pakistan’ की एक याचिका पर सुनवाई कर रहे थे. आपको बतादें कि याचिका में अदालत के आदेश का पालन नहीं करने के लिए प्रांतीय और जिला सरकार के तीन शीर्ष अधिकारियों के खिलाफ अवमानना कार्रवाई की मांग की गई थी.
High Court ने 2018 मे दिया था ये आदेश
दरअसल, हाई कोर्ट ने साल 2018 में पंजाब सरकार को लाहौर स्थित शादमान चौक का नाम Bhagat Singh के नाम पर रखने का आदेश दिया था. पंजाब सरकार के सहायक महाधिवक्ता इमरान खान ने सुनवाई के दौरान अदालत से कहा, ”शादमान चौक का नाम स्वतंत्रता सेनानी के नाम पर रखने की अधिसूचना जारी करने के लिए सरकार को और समय दिया जाना चाहिए.”
याचिकाकर्ता के वकील खालिद जमा काकड़ ने दलील दी कि इस मामले में पहले ही काफी देर हो चुकी है. अदालत ने खान की दलील को स्वीकार कर लिया और सुनवाई सात जून तक के लिए स्थगित कर दी.
इस दिन होगी याचिका पर सुनवाई
याचिकाकर्ता के वकील खालिद जमा काकड़ ने दलील दी कि इस मामले में पहले ही काफी देर हो चुकी है. हाई कोर्ट ने महाधिवक्ता इमरान खान की दलील को स्वीकार कर लिया और सुनवाई सात जून तक के लिए स्थगित कर दी.
लाहौर में दी गई थी Bhagat Singh को फांसी
जैसा की सब जानते हैं कि शहीद Bhagat Singh को 93 साल पहले 23 मार्च, 1931 को लाहौर में फांसी दी गई थी. फांसी के समय उनकी उम्र महज 23 साल थी. Bhagat Singh के अलावा राजगुरु और सुखदेव को भी फांसी दी गई थी. भारत में 23 मार्च को उनके शहीदी दिवस के रूप में याद किया जाता है.