Monday, September 16, 2024

जाने आखिर क्या है Stambheshwar Mahadev Temple के दिन में गायब होने का रहस्य ?

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तमन्ना चौधरी

न्यूज़ डेस्क : (GBN24)

भगवान शिव के कई ऐसे प्राचीन Temple है जिनसे कुछ न कुछ रहस्य जुड़ा हुआ है। इन मंदिरों के दर्शन करने के लिए करोड़ों की भीड़ उमड़ती है, और इन सभी मंदिरों की अपनी-अपनी मान्यताएं है। लेकिन क्या आपने कभी ऐसे Temple के बारे में सुना है जो दिन में अपने आप गायब हो जाता है। सुनने में तो ये एक सपने जैसा लगता है।

गुजरात के वड़ोदरा में Stambheshwar Mahadev Temple एक ऐसा मंदिर है जो समुद्र में स्थित है और रोजाना दिन में दो बार अपने आप गायब हो जाता है। इस Temple की यही खासियत है की शिवलिंग का जलाभिषेक समुद्र खुद करता है। इसी खासियत की वजह से Stambheshwar Mahadev Temple हमेशा चर्चा में बना रहता है और यहां लाखों की भीड़ दर्शन करने के लिए उमड़ी रहती है। लोगो का मानना है की यह किसी चमत्कार से काम नहीं है। भगवान शिव के इस Temple की खोज करीब 200 साल पहले हुई थी। स्कंदपुराण में इस Temple के निर्माण की कहानी का वर्णन किया गया है। आपको बता दें कि ताड़कासुर ने भगवान शिव की कठोर तपस्या की थी , जिससे शिव जी ने प्रसन्न होकर ताड़का से मनचाहा वरदान मांगने को कहां और उस वरदान में उसने कहां की मुझे सिर्फ आपका छह महीने का पुत्र ही मार पाए। इस वरदान के बाद से ही ताड़कासुर ने हर जगह अपना आतंक फैला दिया जिससे सभी देवी-देवता और ऋषि-मुनि काफी परेशान होने लगे थे। ताड़कासुर के आतंक से परेशान होकर सभी भगवान शिव के पास मदद मांगने गए जिसके बाद कार्तिकेय ने ताड़कासुर का वध कर दिया।

बाद में जब कार्तिकेय को पता चला की ताड़कासुर के भगवान शिव का भक्त होने का पता चला तो वह निराश होकर भगवान विष्णु के पास चले गए। भगवान विष्णु ने कार्तिकेय को इस पाप से मुक्ति पाने के लिए उस स्थान पर शिवालय बनवाने को कहां। जिसके बाद सभी देवताओं ने मिलकर महिसागर संगम तीर्थ पर विश्वनन्दक स्तम्भ की स्थापना की, जिसे आज स्तम्भेश्वर तीर्थ के नाम से जाना जाता है।

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