बुलडोजर एक्शन (Bulldozer Action) लेने वाले नेताओं के लिए कोर्ट ने बहुत बड़ा एक्शन लिया है. अब उत्तर प्रदेश योगी आदित्यनाथ(CM Yogi) की तरह कोई भी राज्य बिना सुप्रीम कोर्ट(Supreme Court) के आदेश के कोई भी बुल
डोजर एक्शन नहीं लग सकता. सुप्रीम कोर्ट ने इसपर रोक लगा दी है. सभी राज्यों के लिए निर्देश भी जारी किया है कि बगैर सुप्रीम कोर्ट इजाजत के अब बुलडोजर एक्शन नहीं ले सकते है.
आपको बता दें, बुलडोजर एक्शन को लेकर Bulldozer Action के पास कई याचिका दायर है, उसपर भी रोक लगा दी गयी है. सुप्रीम कोर्ट ने साफ निर्देश देते हुए कहा है कि अगली सुनवाई तक किसी भी राज्य में कोई Bulldozer Action नहीं होगा. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने कुछ शर्ते भी रखीं है. शर्तों में सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि, सिर्फ कुछ मामलों के लिए राज्य सरकार को बुलडोजर एक्शन के लिए छूट दी जाएगी.
Bulldozer Action: इन मामलों में राज्य सरकार को मिलेगी छूट
सुप्रीम ने निर्देश के साथ साथ कुछ शर्ते भी रखी है, उन्होंने कहा है कि कुछ ऐसे मामले है जिसमे राज्य सरकार को छूट दी जाएगी बुलडोजर एक्शन के लिए. जैसे- सड़क, फुटपाथ, रेलवे लाइनों, जलाशयों और अतिक्रमण वाली जगहों पर. यहां राज्य सरकार बुलडोजर एक्शन ले सकती है. जानकारी के लिए बता दें, सुप्रीम कोर्ट ने देश में 1 अक्टूबर तक ही बुलडोजर एक्शन पर रोक लगाई है. 1 अक्टूबर के बाद सुप्रीम कोर्ट फिर इसपर चर्चा करेगी.
सुप्रीम कोर्ट ने सीएम योगी के बुलडोजर एक्शन को लेकर भी बात की है. उन्होंने कहा है कि, कुछ याचिकाओं पर सुनवाई की जा रही है. जिसमे याचिकाकर्ताओं का आरोप है कि सरकार बदले की भावना से कार्रवाई कर रही है. जैसे कि क्रिमिनल केस में आरोपी होने पर ही उनके घर गिरा दिए जा रहे हैं. यह संविधान की मूल भावना का उल्लंघन है.