न्यूज़ डेस्क : (GBN24)
स्नेहा श्रीवास्तव
Surat: यह खबर सूरत से है जहाँ कुछ लोग काम पर गए हुए, थे कुछ लोग सो रहे थे और फिर तभी एक ज़ोरदार आवज़ आयी और अचानक से सारी इमारत डेह गई. दमकल की गाड़ियाँ और पुलिस कर्मी मौके पर पहुँचे और लोगो को बचाने का काम शुरू किया.
हादसा शनिवार दोपहर 3 बजे के करीब का बताया जा रहा है. सूरत शहर के इंडस्ट्रियल एरिया सचिन में पांच मंजिला बिल्डिंग ढह गई थी. रेस्क्यू में जुटी टीम को रविवार सुबह तक 7 लोगों के शव मिल चुके हैं जबकि कुछ अन्य लोगो के अभि भी मलबे से नहीं निकला गए है ऐसे में रेस्क्यू ऑपरेशन अभी भी जारी है, जबकि एक महिला गंभीर रूप से घायल है परन्तु उससे सही सलामत बचा कर न्यू सिविल अस्पताल ले जाया गया.
ऐसा बताया जा रहा है रेस्क्यू में जुटी टीम को मलबे के नीचे से चिल्लाने की आवाज़ आयी उसके पश्चात उसे तुरंत बाहर निकला गया. NDRF की टीम का रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. अभी भी मलबा हटाने का काम चल रहा है.हादसे में जान गंवाने वालों के नाम हीरामन केवट, अभिषेक केवट, शिवपूजन केवट, साहिल, प्रवेश, ब्रिजेश गौंड हैं. सातवें की पहचान अभी नहीं हो पाई है. हादसे में घायल कशिश शर्मा को अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
Surat के पुलिस आयुक्त अनुपम सिंह गेहलोत ने शनिवार को बताया की इमारत का निर्माण 2016–17 में ही बनी थी। सिर्फ 7 साल में ही पूरी बिल्डिंग के ढह जाने से इसके निर्माण की गुणवत्ता का अंदाजा आसानी से ही लगाया जा सकता है ऐसा बताया जा रहा की इस बिल्डिंग के पाँच माले तक ही केवल लोग रहते थे और वो लोग जो उस जगह बने कारखानों में काम करते थे वही लोग वहां रहते थे.
मलबे के नीचे से आयी चिल्लाने की आवाज़
शनिवार रात 9.10 बजे पहला शव निकाला गया. इसके बाद दूसरा शव 11.50 बजे, तीसरा 4 बजे, चौथा साढ़े 4 बजे और 4.45 पर एक साथ तीन शव निकाले गए। अब भी बिल्डिंग का मलबा हटाने का काम चल रहा है. आशंका है कि मलबे में 2-3 लोग और दबे हो सकते हैं. पुलिस ने यह बताया की जब वो रेसुए का काम कर रहे तो मलबे के नीचे से चिल्लाने की आवाज़ आ रही थी रिपोर्टीस के मुताबिक ऐसा बताया जा रहा है की इमारत्त पूरी जर्जर हो चुकी थी परन्तु लोग वहां रिस्क लेकर रह रहे थे.
कितने फ्लोर पर रहते थे लोग
बिल्डिंग के दो फ्लोर ही भरे हुए था. इमारत में रहने वाले शुभम ने बताया कि उनका 17 साल का छोटा भाई साहिल है. हादसे के दौरान वह कमरे में ही था. फर्स्ट और सेकंड फलोर पर ही लोग रहते थे.नीच दो रूम और उसके ऊपर 6 रूम में लोग रहते थे. शुभम ने बताया- बाकी के फ्लोर खाली थे.
हर एक रूम में कम से कम 5 लोग तो रहते थे. इस तरह दोनों फ्लोर में 20 से 25 लोग रहते थे। मेरे बगल में एक कमरा था, जिसमें एक आंटी रहती थीं. वे चार दिन पहले ही अपने भाई के साथ यहां रहने आए थे.