न्यूज़ डेस्क : (GBN24)
स्नेहा श्रीवास्तव
UP के लखीमपुर खीरी में शारदा और घाघरा नदी ने अपना रौद्र रूप धारण कर लिया है. पूरा का पूरा UP का जिला बाढ़ की चपेट में है, ऐसे में एक ऐसी तस्वीर हमारे सामने देखने को मिली जिसे देखने के बाद सभी का कलेजा छाती फाड़ कर बाहर आ गया. तस्वीर में यह देखने को मिला कि दो भाई अपनी बहन कि लाश को बारी-बारी से अपने कंधों पर लाधकर रेलवे लाइन के किनारे रोते हुए चले आ रहे थे. थक जाते थे तो बहन के शव को जमीन पर रखकर फुट – फुट कर रोने लगते थे. फिर से शव को उठाकर आगे चल देते थे, यह दृश्य जिसने भी देखा उसकी आंखों से आंसू निकल गए.
मृतक लड़की के भाई सरोज ने यह बताया कि उसकी बहन महज 15 वर्ष कि थी और वे UP के एलनगंज महाराज नगर थाना मैलानी के नजदीक रहते हैं. बड़े भाई मनोज ने बताया हम तीनों भाई बहन पलिया में रुक कर पढाई करते हैं. बहन शिवानी कक्षा 12 की छात्र थी. बहन की तबीयत 2 दिन पहले खराब हुई थी. डॉक्टर को दिखाया तो उन्होंने जांच करने को कह दिया. जांच कि रिपोर्ट मे शिवानी टाइफाइड से ग्रसित है. जिसके बाद शिवानी को डॉक्टर ने दवा देकर अस्पताल में भर्ती कर लिया.
शिवानी की हालत बिगड़ने लगी. इस बीच UP में बरसात के चलते पलिया शहर एक टापू में बदल गया. चारों तरफ बाढ़ का पानी था, जिसकी वजह से सड़क और रेल मार्ग सभी भर गए. जिसकी वजह से हम लोग अपनी बहन को एक बेहतर इलाज नहीं दिला पाए. जिसके चलते बहन की मृत्यु हो गई. आज हम दोनो नाव कि मदद से नदी पार करके अपनी बहन के शव को अपने गांव लेकर जा रहे हैं, मां का रो-रो के बहुत बुरा हाल है.
खुल रहा है प्रशासन के दावों का पोल
पिता ने बताया कि जिन भाइयों को बहन की डोली को कंधा देना था. आज वही भाई अपने कंधों पर बहन की लाश को लेकर 5 किलोमीटर तक पैदल चलकर अपने गांव आए है. बहुत रूला देने वाला दृश्य है. भाई के कंधे पर बहन का शव प्रशासन के मुंह पर वह तमाचा था जो अपनी पीठ ठोकते हुए लाखों दावे कर रहा था कि उसने हर बाढ़ पीड़ित के जख्मों पर मरहम लगाई है. अगर प्रशासन बाढ़ से पीड़ित हर व्यक्ति के जख्मों पर मरहम लगाता तो शायद आज भाई के कंधो पर बहन की लाश ना होती और राखी से पहले ही बहन अलविदा कर उन्हें जिंदगी भर का गम दिए चली गई.