न्यूज़ डेस्क : (GBN24)
शशिकला दुषाद
Uttarakhand Prisoner absconds: उत्तराखंड के कुमाऊं क्षेत्र में कोविड 19 महामारी के समय परोल पर छोड़े गए 255 कैदियों के फरार होने की खबर ने सबको हैरान कर दिया है. साथ ही इस घटना ने सुरक्षा व्यवस्था पर कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. अल्मोड़ा, हल्द्वानी, नैनीताल और सितारगंज की जेलों से रिहा किए गए ये सभी कैदी अपनी परोल की अवधि समाप्त होते ही गायब हो गए. इनमें से कई कैदियों पर हत्या, चोरी और डकैती जैसे गंभीर अपराधों के आरोप हैं. जेल प्रशासन के नोटिस भेजने के बाद भी इन कैदियों ने सरेंडर नहीं किया. जिसके कारण प्रशासन और पुलिस दोनों पर दबाव बढ़ गया है.
![Uttarakhand Prisoner absconds: उत्तराखंड में परोल पर छोड़े गए 255 कैदी फरार, नोटिस के बावजूद भी नहीं किया सरेंडर 1 WhatsApp Image 2024 10 10 at 5.01.04 PM](https://gbn24.com/wp-content/uploads/2024/10/WhatsApp-Image-2024-10-10-at-5.01.04-PM.jpeg)
संक्रमण रोकने के लिए दी गई थी परोल
कोविड महामारी के दौरान जेलों में भीड़ को कम करने और संक्रमण को रोकने के लिए इन कैदियों को परोल पर छोड़ा गया था. सामान्य परिस्थितियों में परोल सिर्फ एक ही महीने की होती है. लेकिन कोविड के दौरान इसे तीन महीने तक बढ़ा दिया गया था. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक, उत्तराखंड की जेलों से लगभग 581 कैदियों को परोल पर छोड़ा गया था. जिनमें से 255 कैदी (Uttarakhand Prisoner absconds) फरार हैं.
सुरक्षा एजेंसियों की बढ़ी चिंता
इस घटना के बाद मामला उत्तराखंड के देहरादून मुख्यालय तक पहुंच चुका है. साथ ही वरिष्ठ अधिकारियों ने इसे प्राथमिकता से निपटने का फैसला लिया है. पुलिस प्रशासन ने फरार कैदियों (Uttarakhand Prisoner absconds) की खोज के लिए राज्य में विशेष अभियान शुरू किया है. उधम सिंह नगर के एसएसपी मणिकांत मिश्रा (Manikant Mishra) ने बताया कि, हमने विशेष टीमों का गठन किया है जो इन फरार कैदियों को ढूंढने के लिए सक्रियता से काम कर रहीं हैं. हम जल्द ही सभी फरार कैदियों को गिरफ्तार करने में सफल होंगे.