न्यूज़ डेस्क : (GBN24)
क्या मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) कोई देश भक्त था , इस वक्त ये सब से बड़ा सवाल है क्यों की जिस तरह से माफिया मुख्तार अंसारी के जनाजे में शामिल लोगों द्वारा कब्रिस्तान के बाहर जमकर नारेबाजी की गई थी उससे ये लग रहा था की वो कोई देश भक्त था और तो और जिस तरह से जनाजे में लोग आए थे उसे ऐसा लग रहा था की वो बहुत अच्छा काम करके गया देश के लिए क्योंकी मुख्तार अंसारी के जनाजे से तो ऐसे बिल्कुल नहीं लग रहा था की वो कोई अपराधी था।
मानो तो उस भीड़ से जैसे की कोई शहीद हुआ हो शायद अब हमारे देश के लोग अपराधी और देश भक्त में अब फर्क करना भूल गए है इस भीड़ ने इस बात को तो साबित कर दिया है आइये आपको बताते है की मुख्तार के मौत के बाद कैसे था गाजीपुर का माहौल।
दरअसल माफिया मुख्तार अंसारी के जनाजे के दौरान कुछ लोगों द्वारा कब्रिस्तान के बाहर की गई नारेबाजी पर प्रशासन सख्त हो गया है पुलिसकर्मियों ने इस पूरी नारेबाजी की वीडियोग्राफी की थी अब इसमें शामिल रहे लोगों की पहचान की जा रही है। पुलिस का कहना है कि सभी के खिलाफ केस दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी। पुलिस अब तक 100 से अधिक वीडियो देख चुकी है।
आपको बता दे की जेल में बंद रहे मुख्तार अंसारी का दिल का दौरा पड़ने से गुरुवार की रात मौत हो गई थी। पिछले शनिबार को मुख्तार के शव को गाजीपुर के कालीबाग कब्रिस्ता में दफनाया गया। मतबल की अंतिम संस्कार किया गया इस दौरान मुख्तार के जनाजे में भारी भीड़ उमड़ पड़ी थी। पुलिस और प्रशासन चाहता था कि कब्रिस्तान में सिर्फ परिवार के लोग जाएं लेकिन भारी भीड़ के आगे पहले से तय सारी व्यवस्थाएं ध्वस्त होती नज़र आईं।
पुलिस का घेरा तोड़कर कुछ लोगों ने घर के अंदर घुसने की कोशिश की। आरोप है कि पुलिसवालों ने रोका तो कुछ लोग उनसे उलझ गए और नारेबाजी शुरू कर दी। इसे लेकर DM आर्यका अखौरी और मुख्तार के भाई सांसद अफजाल अंसारी के बीच तीखी बहस भी हुई। इस बहस के दौरान DM ने कहा था कि जिले में धारा 144 लागू है। आप इतने लोगों को इकठ्ठा नहीं कर सकते। आप ने इसके लिए कोई अनुमति नहीं लिया है। इस पर आक्रोशित सांसद अफजल अंसारी ने कहा कि आपकी कृपा पर नहीं है कि आप तय करें कि ये लोग ही मिट्टी देंगे।
सांसद अफजल अंसारी ने आगे कहा कि , अब कुछ भी हों, मिट्टी देने के लिए अपने धार्मिक प्रयोजन के लिए किसी की परमिशन की जरूरत नहीं। यह भी कहा कि डीएम को बताना चाहिए कि धारा 144 में अंतिम संस्कार के लिए भी परमिशन लेनी पड़ती है क्या ?
इस पूरे मामले को लेकर डीएम और सांसद के बीच खूब नोकझोक हुई। हालांकि तब मामला किसी तरह से शांत हो गया था लेकिन अब पुलिस उनलोगों की पहचान कर रही है जो नारेबाजी में शामिल थे आर्यका अखौरी ने कहा कि इलाके में धारा 144 लागू की गई थी।
इसके बावजूद मुख्तार के समर्थक जुटे और धारा 144 के नियम का उल्लंघन किया । वीडियोग्राफी कराई गई है। जिन्होंने माहौल को बिगाड़ने की कोशिश की उन्हें पहचान कर आचार संहिता उल्लंघन में कार्रवाई की जाएगी। वहीं SP Omveer Singh ने भी कहा कि लोगों से अपील की गई सहयोग करें लेकिन लोग नहीं माने।
आप हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताए की क्या मुख्तार अंसारी देश भक्त था या अपराधी क्यों की जब 144 धरा लागू था तो कैसे इतनी भीड़ उमड़ पड़ी।