हिमानी बिष्ट न्यूज़ डेस्क : (GBN24)
(World Water Day) 70 फीसदी हिस्सा पूरी दुनिया का पानी से घिरा हुआ है, लकिन लगभग तीन फीसदी पानी ही उसमें से पीने योग्य है. बाकि का 97 फीसदी पानी वो है जो पीने योय ही नहीं है। और हैरानी की बात तो ये है की पूरी दुनिया केवल तीन फीसदी पानी से ही जीवित है. लगभग 1,121 बिलियन क्यूबिक मीटर पानी की मात्रा ऐसी है जो भारत में हर साल उपयोग किए जाने वाले पानी की शुद्ध मात्रा है, और इस बात का पता हमे जल संसाधन मंत्रालय (Ministry of Water Resources) के द्वारा जारी किए गए आंकड़ों से पता चला है. लेकिन अगर बात करें 2025 में पीने योग्य जल के मांगो की, तो ऐसा अनुमान लगाया जा सकता है की ये आंकड़े 1093 और 2050 तक बढ़कर 1447 बीसीएम तक जा सकते हैं.
आपको बतादें की पूरी दुनिया का केवल 4 प्रतिशत (Fresh Water) का हिस्सा ही भारत के पास 1.4 अरब से ज्यादा की जनता के लिए उपयोग करने हेतु मौजूद है. आपको बतादें की दिन प्रति दिन पूरी दुनिया ही नहीं बल्कि भारत में भी पेय जल की की कमी का खतरा बढ़ता जा रहा है. हर साल हमे पानी की किल्ल्त देखने को मिल रही है. बहुत से राज्यों में तो पानी की इतनी किल्ल्त हो गयी है की लोग पानी के लिए अब तरस रहे हैं. और एक रिपोर्ट के अनुसार ऐसा माना जा रहा है की 2025 तक उत्तर पश्चिमी क्षेत्र में पानी का बहुत ज्यादा संकट उत्तपन सकता है. और पानी हमारे जीवन में कितना आव्यशक है, और इसका हमारे जीवन में क्या महत्त्व है इसे समझाने के लिए हर साल विश्व जल दिवस यानि (World Water Day) मनाया जाता है.
कब मानाया जाता है विश्व जल दिवस
बतादें की हर साल 22 मार्च को विश्व जल दिवस (World Water Day) मनाया जाता है. और 1993 में इस दिन को मनाने की शुरुआत हुई थी.
विश्व जल दिवस का महत्व क्या है?
पानी (Water) एक ऐसी चीज है जो हर किसी के जीवन में बहुत जरुरी है. सिर्फ इंसान ही नहीं, ये पशु-पक्षियों, पेड़-पौधों आदि के लिए भी बहुत जरूरी होता है. जिंदा रहने के लिए लोगों के पास पीने के लिए शुद्ध जल का होना बेहद ज्यादा जरुरी है. जैसा की सब जानते हैं की ‘जल ही जीवन है’. लेकिन आजकल तेजी के साथ बढ़ती हुई जनसंख्या और उनके लिए मौजूद फैक्ट्रियां, ये सब भी पानी की किल्ल्त के कारण बने हुए हैं. क्यूंकि फैक्ट्रियों से निकला हुआ कूड़ा, प्रदूषण पानी को दूषित कर देता है. जिसकी वजह से जो लोग पानी पीते है, ये दूषित पानी उनके शरीर को हानि पहुँचाता है.
लेकिन कही न कहीं पानी की कमी और किल्ल्त पानी को दूषित करने के जिम्मेवार हम और आप जैसे लोग ही हैं, जो हद से ज्यादा पानी का बेवजाह इस्तेमाल करते हैं. और इन्ही सब चीजों को देखकर ही इस विश्व जल दिवस को मानाने की शुरुआत हुई थी.