Friday, January 3, 2025

यूपी में लगेगा लाइटनिंग मैनेजमेंट सिस्टम, आसमानी बिजली गिरने से 30 मिनट पहले मिलेगा अलर्ट

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न्यूज़ डेस्क : (GBN24)

प्रीत

Lightning Alert Management System: उत्तर प्रदेश सरकार(Government of Uttar Pradesh) ने हर जिले में लाइटनिंग अलर्ट मैनेजमेंट सिस्टम (Lightning alert management system) लगाने की तैयारी कर ली है. इस सिस्टम की विशेषता यह है कि ये सिस्टम आकाशीय बिजली गिरने से करीब 30 मिनट पहले ही पता लगाकर चेतावनी दे सकता है. इस सिस्टम की लागत लगभग 300 करोड़ रुपये बताई जा रही है. इससे प्रदेश में आसमानी बिजली से होने वाली मौतों को कम किया जा सकेगा.

जानकारी के मुताबिक, Government of Uttar Pradesh एक ऐसा सिस्टम स्थापित करने की तैयारी में है, जो आकाशीय बिजली के बारे में पहले ही सूचना और चेतावनी दे सकेगा. ऐसा करने से मानसून के दिनों में बिजली गिरने से होने वाली मौतों को रोका जा सकता है. बता दें कि बीते दिनों प्रदेश के कई जिलों में आकाशीय बिजली गिरने से दर्जनों मौतें हो चुकी है. इसी को लेकर सरकार इस सिस्टम को लगाना चाहती है.

उत्तर प्रदेश में लाइटनिंग अलर्ट मैनेजमेंट सिस्टम को तीन चरणों में स्थापित किया जाएगा। स्टेट रिलीफ डिपार्टमेंट के अनुसार, इस महीने अब तक बिजली गिरने से 84 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें से 43 लोगों की मौत 10 जुलाई की शाम 6:30 बजे से 24 घंटे की अवधि में हुई है।

पिछले साल की तुलना में इस साल आकाशीय बिजली गिरने से हुई मौतों की संख्या काफी ज्यादा अधिक है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, पिछले साल बिजली गिरने से 41 लोगों की मौत हुई थी। IMD की एक अन्य रिपोर्ट में कहा गया है कि उत्तर प्रदेश उन राज्यों में से एक है जहां बिजली गिरने से सबसे अधिक मौतें होती हैं।

लाइटनिंग अलर्ट मैनेजमेंट सिस्टम का उद्देश्य ऐसी घटनाओं को कम करना और लोगों की जान बचाना है। समय पर चेतावनी मिलने से लोग सुरक्षित स्थान पर जा सकेंगे और संभावित हादसों से बचा जा सकेगा। इस प्रणाली के तीन चरणों में स्थापना से यह सुनिश्चित होगा कि पूरे प्रदेश में एकसमान सुरक्षा व्यवस्था हो और लोग सुरक्षित रह सकें।

लखनऊ में मौसम विभाग के निदेशक डॉ. मनीष रानालकर ने बातचीत के दौरान कहा कि उत्तर प्रदेश में बिजली गिरने से होने वाली मौतों के आंकड़ों को ध्यान में रखते हुए हम पहले से ही बिजली गिरने का पता लगाने वाली प्रणाली पर काम कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ने राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (SDMA) को जरूरी दिशा-निर्देश दे दिए हैं.तथा इसके बाद पूरे राज्य में समय और स्थान के हिसाब से अधिक सटीक टाइम ऑफ अराइवल (टीओए) तकनीक पर आधारित अत्याधुनिक बिजली गिरने का पता लगाने वाला सिस्टम लगाने का फैसला किया गया है.

IMD वर्तमान में किसी क्षेत्र में बिजली गिरने का पता लगाने के लिए रडार आधारित प्रणालियों और उपग्रह डेटा का उपयोग करता है, लेकिन यह प्रणाली रियल टाइम वार्निंग नहीं मानी जाती। रानालकर के अनुसार, टीओए (Time of Arrival) आधारित सिस्टम बिजली गिरने की संभावना का कम से कम 30 मिनट पहले सफलतापूर्वक पता लगा सकता है और चेतावनी दे सकता है। इस सिस्टम की अनुमानित लागत लगभग 300 करोड़ रुपये की होगी।

आपको बता दे की रानालकर ने कहा कि उत्तर प्रदेश में लाइटनिंग अलर्ट मैनेजमेंट सिस्टम की स्थापना की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इस साल के अंत तक पहले चरण में इस सिस्टम के स्थापित और सक्रिय होने की पूरी संभावना है। साथ ही उत्तर प्रदेश के राहत आयुक्त नवीन कुमार ने बताया कि पहले चरण में 37 जिलों में लाइटनिंग अलर्ट मैनेजमेंट सिस्टम लागू किया जाएगा। दूसरे और तीसरे चरण में क्रमशः 20 और 18 जिलों में यह सिस्टम लगाया जाएगा।

इस योजना का उद्देश्य बिजली गिरने से होने वाली मौतों और हानियों को कम करना है। पहले चरण के अंतर्गत जिन 37 जिलों में यह प्रणाली लागू होगी, वहां के निवासियों को समय पर चेतावनी मिलने से वे सुरक्षित स्थानों पर जा सकेंगे। यह प्रणाली समय के साथ पूरे प्रदेश में स्थापित

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