तमन्ना चौधरी
न्यूज़ डेस्क : (GBN24)
हमारे देश में कई ऐसे प्राचीन मंदिर (Temple) है जिनका अपना ही एक अलग महत्त्व है। तो आज हम आपको ऐसे ही एक ऐसे Temple के बारे में बताएंगे जिसका एक अलग ही रहस्य है। एक ऐसा खास मंदिर जहां सूर्य की किरणे एक अनोखे तरीके से पड़ती है। हां, ये बिलकुल सच है। एक ऐसा मंदिर है जहां सूर्य की किरणे उसके गर्भगृह तक पहुंचती है। बेंगलुरु का गवी गंगाधरेश्वर मंदिर (Gavi Gangadhareshwara Temple) सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से जाना जाता है। इस मंदिर को गवीपुरम गुफा मंदिर के रूप में भी जाना जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस मंदिर का निर्माण वैदिक काल में गौतम महर्षि और भारद्वाज मुनि द्वारा किया गया था। इसके बाद 16वीं शताब्दी में इसे ईस्वी में बेंगलुरु के संस्थापक केम्पे गौड़ा द्वारा पुनर्निर्मित किया गया था।
आपको बतादें कि यह मंदिर अपने आप में ही एक अद्धभुत वास्तुकला का प्रदर्शन करता है। इस मंदिर की एक खास विशेषता ये है की इस,मंदिर के अंदर अग्निमूर्ति के दो सिर है, सात हाथ और तीन पैर हैं इसी के साथ ही ऐसा भी माना जाता है कि देवी की पूजा से नजर दोष दूर हो जाते हैं। Gavi Gangadhareshwara Temple में हर साल लाखों श्रद्धालओं की भीड़ उमड़ती है। बता दे, इस गुफा मंदिर का आंतरिक गर्भग्रह विशेष चट्टान में उकेरा गया है और इसी वजह से ही मंदिर के गर्भग्रह पे सीधी धूप की चमत्कारी किरणे पड़ती है जो अपने आप में ही सबसे विश्मयकारी किरणे है। ये चमत्कारी किरणे हर साल एक खास महीने और एक खास दिन पर गर्भगृह के अंदर अपनी रौशनी फैलाती है।
इन सूर्य किरणों की खासियत ये है की इसकी पहली किरण शिव जी के प्रिय नंदी की प्रतिमा पर पड़ती है और उसके बाद शिवलिंग के चरणों को नमन करते हुए पूरे शिवलिंग को प्रकाशित करती है। आपकी जानकारी के लिए बता दे, इसी दिन मकर सक्रांति का पर्व भी मनाया जाता है। हालांकि ये दिन शिव जी की पूजा-अर्चना का माना जाता है इसलिए मंदिर के पुजारी पवित्र मंत्रों और श्लोकों का उच्चारण करते हुए पूजा-अर्चना करते है। इस दिन की मान्यता है की शिवलिंग को दूध से स्नान कराया जाता है और इस भव्य नजारे को देखने के लिए हजारों की संख्या में श्रद्धालु मंदिर पहुंच कर उनका आशीर्वाद लेते है।