न्यूज़ डेस्क : (GBN24)
China airport : मटाला Airport का नाम पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे के नाम पर रखा गया है। Sri Lanka के इस इंटरनेशनल Airport के मैनेजमेंट की जिम्मेदारी भारत और रूस की कंपनी को दी गई है। राजपक्षे के करीब एक दशक के शासन में कई विशाल परियोजनाएं शुरू की गई जिनमें से यह एक है। यह फैसला चीन के लिए झटका माना जा रहा है।
हवाई अड्डा निर्माण मे इतनी आई लागत
इस Airport का निर्माण 20.9 करोड़ अमेरिकी डॉलर में किया गया है। एक समय उड़ानों की कमी की वजह से इसे दुनिया का सबसे सुनसान हवाई अड्डा करार दिया गया था। मटाला Airport का नाम पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे के नाम पर रखा गया है।
चीन ने Sri Lanka को दिया था कॉमर्शियल लोन
इस प्रोजेक्ट के लिए चीन ने उच्च ब्याज दर पर कॉमर्शियल लोन दिया। इस परियोजना पर 20.9 करोड़ अमेरिकी डॉलर खर्च हुए जिनमें से 19 करोड़ डॉलर की राशि चीन की एग्जिम बैंक ने उच्च ब्याज दर पर मुहैया कराई है। Sri Lanka सरकार 2016 से ही इस Airport के प्रबंधन के लिए वाणिज्यिक साझेदार की तलाश कर रही है क्योंकि उसे इससे भारी नुकसान हो रहा था।
30 वर्षों के लिए प्रबंधन करार
सरकारी प्रवक्ता और मंत्री बांदुला गुणवर्धने ने कहा कि Sri Lanka के मंत्रिमंडल ने 9 जनवरी को संभावित पक्षकारों से रुचि पत्र आमंत्रित करने की मंजूरी दी थी। इसके बाद 5 प्रस्ताव प्राप्त हुए। कैबिनेट की ओर से नियुक्त सलाहकार समिति ने भारत की शौर्य एयरोनॉटिक्स (प्राइवेट) लिमिटेड और रूस की एयरपोर्ट्स ऑफ रीजन्स मैनेजमेंट कंपनी को 30 वर्षों के लिए प्रबंधन करार देने का निर्णय लिया। गुणवर्धने ने बताया कि मंत्रिमंडल ने नागरिक विमानन और Airport सेवा मंत्री की ओर से पेश किए गए प्रस्ताव को मंजूरी दे दी।
कर्ज के जाल मे फंसा Sri Lanka
इस Airport मे यात्रियों की संख्या कम होने की वजह से लगातार उड़ानों की संख्या कम हो गई। साथ ये Airport पर्यावरण के लिहाज से भी काफी संवेदनशील है और लगातार घाटे में रहने के कारण एयरपोर्ट के निर्माण पर सवाल उठेने लगे। कई एक्सपर्ट ने कहा कि इस Airport का निर्माण करवाकर चीन ने Sri Lanka को एक और कर्ज जाल में फंसाया दिया। अब देखना होगा कि भारतीय और रूसी कंपनियों को मैनेजमेंट की जिम्मेदारी मिलने से क्या बदलाव आते हैं।