मंदिर-अस्पताल विवाद पर खेसारी लाल यादव ने दी सफाई
छपरा से राजद (RJD) के उम्मीदवार और लोकप्रिय भोजपुरी अभिनेता खेसारी लाल यादव ने अपने हालिया बयान —“मंदिर से पहले अस्पताल बनना चाहिए”— पर उठे विवाद के बाद सफाई दी है। उन्होंने स्पष्ट किया कि उनके कहने का अर्थ धर्म विरोध नहीं, बल्कि जनता की बुनियादी ज़रूरतों की तरफ ध्यान दिलाना था। खेसारी ने कहा, “मैंने कहा था कि राम मंदिर बनना जरूरी है, लेकिन क्या अस्पताल बनाना ज़रूरी नहीं है? क्या रोज़गार ज़रूरी नहीं हैं? क्या शिक्षा ज़रूरी नहीं है?”
मंदिर बनाइए, पर बच्चों का भविष्य भी सोचिए
खेसारी लाल यादव ने अपने बयान को आगे समझाते हुए कहा कि उनका मकसद लोगों को विकास के मुद्दों पर सोचने के लिए प्रेरित करना था। उन्होंने कहा, “लोगों ने आपको वोट दिया है। मंदिर बनाइए, लेकिन क्या मंदिर हमारे बच्चों का भविष्य तय करेंगे? अगर मंदिर ऐसा कर सकते हैं तो बिहार में 200 मंदिर बनाइए और दिखाइए कि कितने बच्चों का भविष्य बन गया।” उन्होंने कहा कि भगवान हमारे दिल और भक्ति में बसते हैं, मंदिरों में सिर्फ एक मूर्ति होती है।
विकास बनाम धर्म की राजनीति पर निशाना
राजद उम्मीदवार ने कहा कि कुछ लोग जनता को असली मुद्दों से भटकाने की कोशिश करते हैं। उन्होंने कहा, “अगर आप इनसे विकास, रोजगार या शिक्षा पर सवाल करेंगे तो ये आपको ‘मंदिर-मस्जिद’ और ‘सनातन के मुद्दों में उलझा देंगे। यही इनकी राजनीति है — बकवास करके जनता को व्यस्त रखना।” खेसारी ने कहा कि वे जनता की समस्याओं को लेकर ईमानदारी से लड़ाई लड़ेंगे और विकास, शिक्षा और रोजगार को प्राथमिकता देंगे।
जनता ने मुझे बनाया, मैं किसी से नहीं डरता
खेसारी लाल यादव ने साफ कहा कि वे अपने बयानों से पीछे नहीं हटेंगे। उन्होंने कहा, “मैं किसी से नहीं डरता। मैं जो हूं, वो जनता ने बनाया है, और जनता के लिए ही बोलता हूं।” भोजपुरी सुपरस्टार ने कहा कि उनका मकसद राजनीति में नई सोच और साफ नीयत के साथ बदलाव लाना है। उन्होंने जनता से अपील की कि वे इस चुनाव में धर्म और जाति से ऊपर उठकर विकास पर वोट करें।













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